नई दिल्ली: हाथरस कांड (Hathras Gangrape Case) में पीड़ित परिवार को बड़ा झटका लगा है। दरअसल कोर्ट में दायर याचिका के जरिए मांग की गई थी कि इस मामले की सुनवाई उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य किसी राज्य में ट्रांसफर किया जाए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस पर सुनवाई करने से फिलहाल मना दिया है। कोर्ट ने मामले से जुड़ी अहम सुनवाई के दौरान कहा कि सीबीआई जांच इलाहाबाद हाईकोर्ट की निगरानी में ही जारी रहेगी। साथ ही मामले को उत्तर प्रदेश से दिल्ली या अन्य किसी भी राज्य में फिलहाल ट्रान्सफर नहीं किया जाएगा। हालांकि इस पर बाद में विचार हो सकता है।
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सुप्रीम कोर्ट में तीन अहम बिंदुओं पर हुई सुनवाई
जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में तीन बिंदुओं पर सुनवाई हुई। इसमें सीबीआई जांच की मॉनिटरिंग सुप्रीम कोर्ट से हो या फिर हाईकोर्ट से यह मांग की गई थी। इसके साथ ही गवाहों और पीड़ित परिवार की सुरक्षा और केस को दिल्ली ट्रान्सफर करने की मांग की गई थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश पर पीड़िता के परिवार ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि जब मामले की जांच पूरी हो जाएगी उसके बाद ही ट्रायल बाहर ट्रांसफर करने पर विचार किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अभी इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है, ऐसे में तुरंत ट्रांसफर की जरूरत नहीं है। अन्य सभी चीज़ों पर हाईकोर्ट भी अपनी नजर बनाए हुए है। ऐसे में हाईकोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच जारी रहेगी।
यूपी सरकार के हलफनामे को किया स्वीकार
गवाहों और पीड़िता के परिवार की सुरक्षा पर सीजेआई एसए बोबड़े, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने यूपी सरकार की ओर से दिए हलफनामे को स्वीकार किया। इसमे प्रदेश सरकार ने दावा किया था कि पीड़िता के परिवार, केस से जुड़े गवाहों को पुख्ता सुरक्षा मुहैया करा दी गई है।
गौरतलब है कि इस जनहित याचिका में सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई गई थी कि सुप्रीम कोर्ट या फिर हाईकोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच पूरी हो। साथ ही मामले को दिल्ली ट्रांसफर किया जाए। याचिकाकर्ताओं की दलील थी कि उत्तर प्रदेश में निष्पक्ष सुनवाई संभव नहीं है, क्योंकि कथित तौर पर जांच बाधित की गई।