कभी पिता से जीता था केस, आज मौत से हार गए रोहित

छह साल तक कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद आखिरकार रोहित शेखर ने एनडी तिवारी को अपना बॉयोलॉजिकल पिता साबित कर ही दिया. आज अचानक रोहित की उनके घर पर मौत हो गई. बता दें कि रोहित तिवारी उत्तराखंड उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत नारायण दत्त तिवारी के बेटे हैं. अभी तीन साल ही बीते होंगे जब एनडी तिवारी ने रोहित को अपना बेटा स्वीकारा था. आशंका जताई जा रही है कि उनकी मौत हार्ट अटैक के कारण हुई है. हालांकि, अभी कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है.

रोहित शेखर तिवारी 2017 में उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए थे. उन्होंने नई दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के आवास पर उनकी मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की थी. 91-वर्षीय नारायण दत्त तिवारी दो राज्यों – उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड – के मुख्यमंत्री रहे हैं, केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं तथा आंध्र प्रदेश के राज्यपाल भी रहे हैं, हालांकि राज्यपाल के रूप में उन्हें कार्यकाल के बीच में ही सेक्स स्कैंडल की वजह से इस्तीफा देना पड़ा था.

बता दें कि पितृत्व विवाद में फंसने के बाद रोहित शेखर को अपना बेटा मानने वाले उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वरिष्ठ कांग्रेस नेता नारायण दत्त तिवारी ने रोहित की मां उज्ज्वला शर्मा से 89 साल की उम्र में विधिवत रूप से विवाह किया था. उज्ज्वला रोहित शेखर की मां है, जिन्होंने तिवारी से पितृत्व के दावे को लेकर अदालत की लड़ाई लड़ी थी और उसमें उन्हें जीत हासिल की थी. उसके बाद तिवारी ने रोहित को सार्वजनिक रूप से अपना बेटा माना था.

एनडी तिवारी तीन बार उत्तर प्रदेश के जबकि एक बार उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री रहे. वर्ष 2007 से 2009 के बीच आंध्र प्रदेश के राज्यपाल भी रहे, लेकिन सेक्स स्कैंडल में फंसने के बाद उन्हें पद छोड़ना पड़ा था. 18 अक्टूबर 1925 में जन्मे एनडी तिवारी का 18 अक्टूबर 2018 को ही निधन हो गया.

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