भारतीय सेना ने एक और रिकॉर्ड अपने नाम किया है. दरअसल सियाचिन के ग्लेशियर में 18 हजार फीट की ऊंचाई पर फंसे एक हेलीकॉप्टर को रिकवर कर भारतीय सेना ने विश्व कीर्तिमान बनाया है.
सेना के पायलट और तकनीकी अधिकारियों की मदद से ग्लेशियर में फंसे हेलीकॉप्टर को सपलतापूर्वक रिकवर किया गया है. बता दें की पिछले 11 महीनों से यह हेलीकॉप्टर सियाचिन के ग्लेशियर में फंसा था जिसे जवानों की मदद से सुरक्षापूर्वक सियाचिन बेस कैंप लाया गया है. बताते चलें की इसी साल के शुरुआत में एएलएच ध्रुव नाम का हेलीकॉप्टर 74 किलोमीटर लंबे ग्लेशियर में गश्ती पर था कि तभी इसमें खराबी आ गई और इसे पास के खांडा नाम की पोस्ट पर इमर्जेंसी लैंडिंग कराई गई, पायलट हेलीकॉप्टर को बर्फ पर लैंड कराने में सफल रहा था लेकिन वह हेलीकॉप्टर को हेलिपैड तक नहीं पहुंचा सका. इसके बाद पूरी रात हो रही बर्फबारी की वजह से हेलीकॉप्टर खराब हो गया. सेना ने इसे रिकवर करने के प्रयास शुरू किए, सेना को पहली सफलता जुलाई के आखिरी सप्ताह में मिली, जब सेना के पायलट और तकनीकी कर्मचारियों की एक टुकड़ी, उसके कुछ हिस्सों को दुरुस्त करने और नए पार्ट्स डालने में सफल हुई. इसके बाद इसे सफलतापूर्वक सियाचिन ग्लेशियर बेस कैंप लाया गया.
इस ऑपरेशन के बाद आर्मी के पूर्व एविएशन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल पी के भराली ने बताया कि इस ऑपरेशन में शामिल पायलट और तकनीकी अधिकारियों को मैं जानता हूं. पी के भराली का कहना है कि 18 हजार फीट की ऊंचाई से इस हेलीकॉप्टर को रिकवर करना अपने आप में एक विश्व कीर्तिमान है, क्योंकि भारत उन कुछ देशों में से एक है, जो इतनी ऊंचाई पर हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करता है.
सेना में इस्तेमाल किए जाने वाले चीता और चेतक भी 23 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ते हैं. चेतक और चीता में फ्रांस की मशीनें लगी हुई हैं, हालांकि फ्रांस भी इतनी ऊंचाई पर इनका इस्तेमाल नहीं करता है, क्योंकि इतनी ऊचांई पर गलती करने की कोई गुंजाइश नहीं होती.
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