न्यूयॉर्क: भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत के तहत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने बुधवार को पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद(जेईएम) के प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया। इससे लगभग ढाई महीने पहले उसके आतंकवादी संगठन ने कश्मीर के पुलवामा में आत्मघाती हमला किया था।
यूएनएससी की प्रतिबंध समिति 1267 ने चीन द्वारा ‘तकनीकी रोक’ हटाने के बाद यह घोषणा की। इसके लिए चीन पर सुरक्षा परिषद के अन्य स्थायी सदस्य जैसे अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की तरफ से जबरदस्त दबाव था। चीन ने इससे पहले चार बार मामले में ‘तकनीकी रोक’ लगाकर प्रस्ताव को रोक दिया था। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने ट्वीट किया, “छोटे, बड़े सभी एक साथ आ गए, मसूद अजहर संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित सूची में एक आतंकवादी के रूप में घोषित। सभी के समर्थन के लिए हम आभारी हैं।”
इस प्रतिबंध का मतलब है कि अजहर की संपत्तियों को संयुक्त राष्ट्र के देशों द्वारा जब्त किया जाएगा और इन देशों में उसकी यात्रा पर पाबंदी होगी। भारत सरकार के एक अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा, “अजहर चीनियों के लिए लगातार परेशानी का सबब बनता जा रहा था।” चीन ने मंगलवार को संकेत दिए थे कि वह अब प्रस्ताव पर रोक नहीं लगाएगा, जिसे शुरुआत में भारत द्वारा लाया गया था। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा था कि प्रतिबंध समिति में प्रासंगिक विचार-विमर्श में कुछ प्रगति हुई है और मामले को पूरी तरह से सुलझा लिया जाएगा।
अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस द्वारा अजहर को वैश्विक आंतकवादी घोषित करने के लिए दबाव देने के बावजूद बीजिंग अजहर को सूचीबद्ध करने पर अड़ंगा लगाता था। भारत ने हाल ही में चीन के इस कदम को ‘निराशाजनक’ बताया था। अजहर ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से जनवरी 2000 में जेईएम की स्थापना की थी। भारत ने उसे एक भारतीय विमान में बंधक बनाए गए 166 यात्रियों को छुड़ाने के बदले जेल से रिहा किया था। काठमांडू से नई दिल्ली जा रहे विमान का अपहरण कर अफगानिस्तान के कांधार ले जाया गया और आतंकवादियों ने मसूद समेत अन्य आतंकवादियों को रिहा करने के बदले इन यात्रियों को छोड़ने की शर्त रखी थी।
उसके बाद, उसके संगठन ने भारत में लगातार हमले किए, जिसमें 13 दिसंबर, 2001 को भारत की संसद पर किया गया हमला भी शामिल है। हाल ही में इस संगठन ने 14 फरवरी को कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के वाहन पर आत्मघाती हमला किया था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। भारतीय अधिकारी ने कहा, “यह कहना कि बीजिंग ने अमेरिका के दबाव में अजहर को प्रतिबंधित किया है, केवल एक कारण नहीं है। अमेरिकियों का 1267 समिति में जाना और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपने मसौदे को लाने से भी निश्चित ही चीनियों को चिंता हुई होगी।”