केरल: सबरीमाला में जारी संग्राम, 1700 से ज्यादा लोग गिरफ्तार
हमारे देश में इस वक्त चुनावी माहौल काफी तेजी से गर्माता जा रहा है. चुनावी मौसम का नजदीक आना इसका सबसे बड़ा कारण है. कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक राजनीति का शोर-शराबा तेज होने लगा है.
इस शोर में आजकल सबसे ज्यादा आवाज़ केरल के सबरीमाला की आ रही है. केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश करने की वजह से पूरा केरल हिंसा की आग में जल रहा है. इस हिंसा की वजह से 1700 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
नेताओं के घरों पर हुए हमलें
इस हिंसा का असर नेताओं के घरों में भी देखने को मिल रहा है. केरल के कन्नूर जिले में बीजेपी सांसद वी मुरलीधरन के घर पर देसी बम से हमला कराया गया तो वहीं सीपीआई (एम) के विधायक एएन शमसीर के घर पर भी बम से हमला हुआ है. वहीं कन्नूर में ही सीपीआई (एम) के एक कार्यकर्ता वैशाक पर भी हमला किया गया था, जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गया. इसके अलावा सीपीआई (एम) के पार्टी सचिव के घर पर भी हमला किया गया है. इन हमलों में दोनों पार्टी के नेता एक दूसरी पार्टी पर आरोप लगा रहे हैं. सीपाआई (एम) का आरोप है कि यह हमला आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने किया है वहीं बीजेपी का आरोप है कि सांसद वी मुरलीधरन के घर पर सीपीआई (एम) का हाथ है.
दोनों पार्टियों ने एक-दूसरे पर लगाया आरोप
बहराल, दोनों पार्टीयों के आरोप-प्रत्यारोपों के बीच पुलिस ने कन्नूर हिंसा मामले में 110 लोगों को गिरफ्तार किया है. आपको बता दें कि यह सभी हमलें और हिंसा शुक्रवार को हुई हैं. जिसके बाद से पुलिस ने गिरफ्तारी शुरू की है. गौरतलब है कि सबरीमाला मंदिर मसले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश आने के बाद बीते शुक्रवार को श्रीलंका की एक महिला अयप्पा मंदिर में प्रवेश करने में सफल रही. श्रीलंका की इस महिला की उम्र 50 वर्ष है. महिला के मंदिर में प्रवेश करने के बाद केरल राज्य के अलग-अलग हिस्सों में हिंसा फैलने लगी. देखते ही देखते हिंसा की घटनाएं काफी तेज हो गई. इस घटना के एक दिन पहले ही भाजपा-आरएसएस और दक्षिणपंथी संगठनों की सत्ताधारी माकपा के साथ काफी झड़प भी हुई थी.
आपको बता दें कि 2 जनवरी को रजस्वला आयु वर्ग की दो महिलाओं (42 वर्ष की बिंदू और 44 वर्ष की कनकदूर्गा) ने मंदिर में प्रवेश किया था. जिसके बाद मंदिर के मुख्य पुजारी ने मंदिर बंद करने और उसका शुद्धिकरण करने का निर्णय लिया था. मुख्य पुजारी के इस निर्णय पर त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) ने उनसे जवाब मांगा है. त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) ने मंदिर के मुख्य पुजारी के इस निर्णय पर उनका स्पष्टीकरण मांगा है.
हालांकि अब आगे क्या होगा यह देखने वाली बात होगी लेकिन यह समझ में नहीं आता कि किसी मंदिर में महिला के प्रवेश या किसी मंदिर में पुरुषों के प्रवेश को कौनसा भगवान मना करता है. क्या भगवान ने खुद ऐसी कोई पाबंदी लगाई है या पृथ्वी पर मौजूद कुछ इंसानों ने कुछ इस पाबंदियों को लागू करके एक बेतुकी परंपरा का नाम दे दिया है.