लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अजीबोगरीब कोरोना रिपोर्ट चर्चा का विषय बन रही है। यहां के जिला स्वास्थ्य विभाग ने 3 ऐसे व्यक्तियों की कोविड रिपोर्ट जारी की है, जिनमें से 2 तो अमेरिका में है और तीसरे की मौत कई साल पहले हो चुकी है। मामला जब चर्चा में आया तो प्रशासन को संबंधित व्यक्तियों पर कार्रवाई करनी पड़ी।
एक कर्मचारी सस्पेंड, दूसरे को नोटिस
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) संजय भटनागर ने इस मामले में जांच आदेश दिए। इसके आधार पर एक कर्मचारी को निलंबित कर दिया गया और दूसरे को मंगलवार को कारण बताओ नोटिस दिया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, मामला राजाजीपुरम में रहने वाले एक बैंक एग्जिक्यूटिव से जुड़ा है।
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तीन लोगों के टेस्ट कर 8 की दी रिपोर्ट
बैंक एग्जिक्यूटिव आश्रय जायसवाल 6 अक्टूबर को कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। उनकी रिपोर्ट आने के दो दिन बाद टीम उनके घर गई और उसकी पत्नी और दो बच्चों समेत तीन लोगों का सैंपल लिया। टीम ने इस जांच की रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए आश्रय को एक पोर्टल का लिंक दिया। अगले दिन जब रिपोर्ट देखने के लिए पोर्टल खोला गया तो आश्रय को अपने पते पर 5 अन्य लोगों की रिपोर्ट दिखी।
एक की हो चुकी है मौत, दो अमेरिका के
आश्रय ने बताया, ‘मेरे बेटे की रिपोर्ट पॉजिटिव और पत्नी-बेटी का निगेटिव आया। लेकिन मैं ये देखकर चौंक गया कि उसमें 5 अन्य नाम हैं। इनमें से 3 मेरे मकान मालिक के परिवार के हैं। इनमें से मकान मालिक और उनकी पत्नी वर्तमान में अमेरिका में हैं और तीसरी रिपोर्ट मकान मालिक के पिता की है, जिनका कुछ साल पहले निधन हो चुका है।’ आश्रय के मुताबिक, पोर्टल पर 2 अन्य लोगों की रिपोर्ट हैं, जिसे वो नहीं जानते।
दोबारा होगी टेस्टिंग
फिलहाल, यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि टीम ने बिना सैंपल लिए ही नेमप्लेट से मकान मालिक के नाम लिखे और उनकी फर्जी रिपोर्ट बना दी। आश्रय ने तुरंत इस रिपोर्ट की सूचना कोविड हेल्पलाइन पर दी। जहां से उनके परिवार का दोबारा टेस्ट कराने की बात कही गई। साथ ही टीम के कर्मचारी ने उनसे माफी भी मांगी।