मध्यप्रदेश से आया संदेश, 2019 तक कांग्रेस चलेगी सॉफ्ट हिंदुत्व वाली राह पर

राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों ने आज सीएम पद की शपथ ले ली. जैसे कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह से विपक्षी एकता का संदेश देने की कोशिश करेगी. जैसा कर्नाटक में हुआ था. वैसा ही देखने को मिला.

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हिंदुस्तान का दिल कहे जाने वले मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह के मंच से जो तस्वीर सामने आई. उसने एक बात को साफ कर दिया कि 2019 के लोकसभा चुनावों तक कांग्रेस सॉफ्ट हिंदुत्व वाली छवी बनाए रखेगी.

कमलनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में वैसे तो सभी धर्मों के लोगों को बुलाया गया था. लेकिन जब लोग मंच पर पहुंचे तो मंच भगवा मय नजर आया. मंच पर पायलट बाबा भी मौजूद थे जिन्हें शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था. इसके साथ ही मंच पर आचार्य प्रमोद कृष्णम समेत मुस्लिम और ईसाई समुदाय से जुड़े प्रतिनिधि भी पहुंचे. कमलनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में बम बम भोले के नारे भी लगे.

सॉफ्ट हिंदुत्व से हुआ फायदा

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जब से अपनी छवी सॉफ्ट हिंदुत्व वाले नेता की बनाई है. तभी से कांग्रेस को कहीं न कहीं इसका फायदा मिलने लगा है. कांग्रेस अध्यक्ष ने गुजरात, कर्नाटक के चुनावों में मंदिरों में जाकर भगवान के दर्शन किए थे. पांचों राज्यों के विधानसभा चुनावों से पहले वो कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर भी गए थे. वहीं मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान में भी उन्होंने कई मंदिरों में पूजा अर्चना की. राजस्थान विधानसभा चुनावों के दौरान तो राहुल गांधी का गौत्र भी सामने आया था.

 

2014 में लोकसभा चुनावों हारने के बाद आया बदलाव

2014 के लोकसभा चुनावों में जब कांग्रेस की करारी हार हुई थी. उसके बाद पार्टी ने हार का कारण जानने के लिए ए के एंटनी की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की थी. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में हार का एक प्रमुख कारण कांग्रेस का एंटी हिंदुत्व की छवि भी होना बताया था. कांग्रेस पर आरोप लग रहे थे कि वो मुस्लिमों की पार्टी है. जिसके बाद से कांग्रेस अपने आप को हिंदू का हितैषी दिखाने में लग गई. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी की एंटी हिंदुत्व वाली छवी को बदला. वहीं मुस्लिमों से कभी इतनी दूरी नहीं बनाई जिससे वो उससे नाराज हो जाए.

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