दिल्ली की सियासत में मच सकती है खलबली, ‘आप’ के कई नेता आए ‘हाथ’ के साथ

दिल्ली की सत्ता में इस बार उथल-पुथल हो सकती हैं और आम आदमी पार्टी के लिए मुसीबतें खड़ी हो सकती हैं. दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष के रुप में शीला दीक्षित के नाम पर कांग्रेस ने मुहर लगा दी है. जिसके बाद आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में हाथ का साथ दे सकते हैं.

आम आदमी पार्टी के कुछ कार्यकर्ता पूर्व मुख्यमंत्री के करीबी और सहयोगी रहे हैं और इस बार अपने मूल संगठन में वापिस जाना चाहते हैं. जैसे ही दिल्ली के कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित को बनाया तभी ये प्रयास शुरु हो गए.

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सूत्रों ने मुताबिक लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस नेताओं ने पार्टी की स्थिति का आकलन करना शुरु कर दिया है कि AAP खेमे की अशांति का दिल्ली में पार्टी के लाभ के लिए कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है.

16 जनवरी को कांग्रेस अध्यक्ष का संभालेंगी पदभार

बता दें कि शीला दीक्षित 16 जनवरी 2019 को कांग्रेस अध्यक्ष का पदभार संभालेंगी और इस मौके पर पुराने कार्यकार्ताओं को इकट्ठा किया जाएगा. हालांकि कांग्रेस की तरफ से इसका विरोध किया जा रहा है लेकिन शीला दीक्षित को 15 साल तक राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में काम करने का अनुभव है इसलिए उन्होंने इस मामले का आकलन करना शुरू कर दिया. दरअसल पार्टी कार्यकर्ता AAP के साथ किसी भी गठबंधन के विरोध में हैं.

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कई लोग कर रहे शीला की मदद

शीला दीक्षित के एक सहयोगी जो कि उनकी सरकार में मंत्री हारुन यूसुफ भी 12 साल से सक्रिय थे, वो भी उनकी मदद कर रहे थे. यह याद रखना है कि कांग्रेस ने सभी 280 ब्लॉक अध्यक्षों की घोषणा की है. ऐसे में दीक्षित इनमें बदलाव नहीं करना चाहती. इसलिए कांग्रेस इन नेताओं को कांग्रेस में समायोजित करने के लिए पार्टी में कुछ नया सेल बनाने पर विचार कर रही है. पुराने कार्यकर्ता अपने शुभचिंतकों के साथ उनसे मिलने आ रहे हैं. तीनों कार्यकारी अध्यक्ष हारुन यूसुफ, देवेंद्र यादव और राजेश लिलोथिया भी उनसे मार्गदर्शन लेने के लिए उनसे मिल रहे हैं.

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