चमत्कार : अब चीन में पैदा हुईं ‘डिजायनर बेटियां’!
चीन में पहली बार जेनिटिकली मोडिफाइड इंसानी भ्रूण विकसित किए जाने का दावा किया गया है. चीन के एक रिसर्चर का दावा है कि उन्होंने दुनिया का पहला जेनिटिकली मोडिफाइड इंसानी भ्रूण अमेरिका से पहले तैयार कर लिया है. रिसर्चर के मुताबिक, मानव भ्रूण को बदलने के लिए CRISPR नाम की एक नई तकनीक का इस्तेमाल किया हुआ, जो जीन्स में काट-छांट कर सकती है.
यह वाकई एक चमत्कार ही है. चीन के एक वैज्ञानिक ने दावा किया है कि उन्होंने
पहली बार जीन में बदलाव कर दो बच्चियों को पैदा करने में सफलता हासिल कर
ली है, दावा यह भी है कि इस तकनीक से पैदा हुए बच्चों में एचआईवी से लड़ने की
कुदरती क्षमता होगी. माना जा रहा है कि इस कामयाबी से नए सिरे से जीवन को
लिखा जा सकता है.
क्या है CRISPR तकनीक
CRISPR यानी क्लस्टर्ड रेगुलरली इनर्सपेस्ड शॉर्ट पिलंड्रोमिक रेपिट्स .जर्नल ‘नेचर’ के मुताबिक, इस प्रयोग में क्रिस्पर/कैस-9 तकनीक का इस्तेमाल किया है. इसमें कोशिका के स्तर तक जाकर डीएनए से रोगाणुओं वाले जीन को बाहर निकाल दिया जाता है. 86 भ्रूण पर यह प्रयोग किया गया. इसके बाद दो दिन के लिए उन्हें नियंत्रित वातावरण में रखा गया, क्योंकि CRISPR तकनीक को काम करने में दो दिन लगते हैं. दो दिन बाद 71 भ्रूण ही बच सके.
शेनझान के अनुसंधानकर्ता ही जैनकुई का कहना है कि उन्होंने सात दंपतियों के बांझपन के उपचार के दौरान भ्रूण बदल डाले. एक दंपति को इसी माह जुड़वा बच्चियां पैदा हुईं हैं, जिससे बदलाव की पुष्टि हुई है. प्रयोग में शामिल दंपतियों ने पहचान जाहिर करने से मना कर दिया है. वह यह भी नहीं बताएंगे कि वे कहां रहते हैं और यह प्रयोग कहां हुआ, हालांकि इस दावे की स्वतंत्र रूप से कोई पुष्टि नहीं हो सकी है.
वहीं दूसरी तरफ, इस तरह के शोध के बाद दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने इस प्रयोग पर चिंता जताते हुए इसे विज्ञान और नैतिकता के खिलाफ प्रयोग बताया है, क्योंकि इससे भविष्य में ‘डिजाइनर बेबी’ जन्म ले सकते हैं.