लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे देश के राजनीतिक गलियारों में गर्माहट बढ़ती जा रही है। लोकसभा चुनाव जीतने के लिए इंडिया गठबंधन कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता। बसपा को साथ लाने की कोशिशें इसी रणनीति का हिस्सा है। ऐसी अटकलें लगाई जा रही है कि बीएसपी I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल हो सकती है। इसके लिए पूरी प्लॉटिंग भी की जा रही है।
यूपी के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और बसपा के शीर्ष नेतृत्व के बीच बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ था। तब यह बातचीत अपने मुकाम तक तो नहीं पहुंच सकी थी, लेकिन तब से दोनों के बीच बातचीत हो रही है। राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक, पिछले महीने कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी और बसपा सुप्रीमो मायावती की मुलाकात भी हुई है।
यूपी के विधानसभा चुनाव से पहले बसपा-कांग्रेस की गठबंधन की चर्चा थी। तब तय हुआ था कि 125 सीटों पर कांग्रेस और शेष 278 सीटों पर बसपा लड़ेगी। खबरें लीक होने के बाद सत्ता पक्ष की ओर से ऐसी परिस्थितियां पैदा कर दी गईं कि दोनों पार्टियों को कदम पीछे खींचने पड़े। चुनाव के बाद राहुल गांधी ने कहा भी था कि हम बसपा को आगे रखकर यूपी में विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, पर वह तैयार नहीं हुई। इस बार लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ही आधिकारिक रूप से घोषणा करने की रणनीति है।
कांग्रेस नेतृत्व, बसपा को साथ लाने में ज्यादा रुचि ले रहा है। इसका कारण है बसपा के पास अभी भी उसके 10-12 फीसदी वोट बैंक है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय का बागेश्वर विधानसभा सीट को लेकर सपा के खिलाफ दिया गया बयान भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। चर्चा है कि अजय राय ने यह बयान हाईकमान से इशारे पर दिया है।