मिशन कर्नाटक को लेकर भारतीय जनता पार्टी चुनाव की घोषणा से पूर्व ही सक्रिय हो गई है। कर्नाटक को दक्षिण भारत की सियासत का गेटवे कहा जाता है। दक्षिण भारत में कर्नाटक के अलावा भाजपा का किसी प्रदेश में सत्ता में सीधे हस्तक्षेप नहीं है। भाजपा कर्नाटक के सहारे दक्षिण भारत में अपनी पकड़ को सशक्त बनाना चाहती है।
कर्नाटक असेंबली इलेक्शन के तारीख को मिलान में अभी महीने भर से ज्यादा का समय बचा हुआ है लेकिन भाजपा दक्षिण के प्रदेश में दोबारा कमल खिलाने के लिए अभी से ही मिशन मोड में काम करना प्रारंभ कर दिया है। 20 मार्च के करीब कर्नाटक असेंबली इलेक्शन की घोषणा की है और अप्रैल महीने में मतदान की संभावना है।
भारतीय जनता पार्टी कर्नाटक फतह के लिए अपने सबसे बड़े चेहरे पीएम नरेंद्र मोदी का चुनावी प्रयोग करने की पूरी तैयारी कर चुकी है। भाजपाका टारगेट है कि 20 मार्च से पहले पीएम नरेंद्र मोदी 4 से 5 जनसभाएं कर्नाटक में करें और उसी हिसाब से उसने तैयारी की है। इसके पीछे का मकसद अपने कार्यकर्ताओं के अंदर इलेक्शन से पहले जोश भरने का है।