समाजवादी पार्टी से अलग होने के बाद आज शिवपाल यादव ने लखनऊ के रमाबाई मैदान में जन आक्रोश रैली की. इस रैली में समाजवादी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव भी पहुंचे. इस रैली में सबकी निगाह इस बात पर टीकी थी कि क्या मुलायम सिंह अपने भाई की रैली में आते है या नहीं. रविवार को शिवपाल यादव की रैली में पहुंचकर मुलायम सिंह ने दिखा दिया की वो अपने भाई के साथ है.
शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी से अलग होकर खुद की नई पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठन किया था. जन आक्रोश रैली में शिवपाल केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि देश में सिर्फ चंद लोगों के अच्छे दिन आए है. वहीं उन्होंने लखनऊ के रमाबाई मैदान में लाखों के समर्थकों को भरके प्रदेश की सियासी पार्टियों को अपनी ताकत का एहसास कराने की कोशिश की.
राम मंदिर के मुद्दे पर बोलते हुए शिवपाल यादव ने कहा कि विवादित जमीन पर मंदिर नहीं बनना चाहिए. जन आक्रोश रैली में शिवपाल का समाजवादी पार्टी से अलग होने का दर्द भी झलका. उन्होंने कहा कि वो समाजवादी पार्टी से अलग नहीं होना चाहते थे. लेकिन ऐसा क्या हुआ कि उन्हें अलग होना पड़ा. उन्होंने अखिलेश का बिना नाम लिए कहा कि मैने उसका भी सम्मान किया. उन्होंने कहा कि मैने कुछ नहीं मांगां था बस सम्मान मांगा था. और नेताजी का साथ मांगा था.
वहीं मुलायम सिंह यादव ने जब इस रैली में अपना भाषण दिया तो उन्होंने ज्यादा समय समाजवादी पार्टी की ही तारीफ की. लेकिन बाद में शिवपाल यादव ने उन्हें बीच भाषण में एक पर्ची पकड़ाई जिसके बाद उन्होंने शिवपाल की पार्टी का नाम लिया. इसके बाद उन्होंने कहा कि प्रगतिशील पार्टी प्रगती करेंगी.