नमो टीवी एक विज्ञापन प्लेटफॉर्म है, इसके लिए सरकारी मंजूरी की जरूरत नहीं : सूचना प्रसारण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी प्रचार के लिए लांच की गई नमो टीवी विवादित होती जा रही है. विपक्षी पार्टियों का कहना है कि भाजपा अपने प्रचार के मीडिया का साथ ले रहे हैं, इसीलिए उन्होंने नमो टीवी का प्रसारण किया है. हालांकि, इस विषय में चुनाव आयोग के नोटिस के बाद
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि यह डीटीएच सेवा प्रदाताओं द्वारा शुरू किया गया एक विज्ञापन प्लेटफॉर्म है जिसके लिए सरकारी मंजूरी की जरूरत नहीं.
सूत्रों के हवाले से यह भा बात सामने आई कि मंत्रालय ने यह भी कहा कि नमो टीवी नियमित चैनल नहीं है और यह स्वीकृत चैनलों की आधिकारिक सूची में नहीं आता है. बता दें कि नमो टीवी का शुभारंभ तब किया गया है जब चुनाव होने वाले हैं.

सूत्र के मुताबिक सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने चुनाव आयोग से कहा कि मौजूदा नियमों के अनुसार इस तरह के विज्ञापन प्लेटफॉर्म चलाने के लिए उससे किसी मंजूरी की जरूरत नहीं है. बता दें कि आचार संहिता लागू होने के बाद नमो टीवी की लॉन्चिंग पर चुनाव आयोग ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से रिपोर्ट मांगी थी.

मीडिया रिपाेर्ट्स के अनुसार मंत्रालय ने आयोग से कहा कि नमो टीवी लाइसेंस्ड चैनल नहीं, बल्कि डीटीएच विज्ञापन प्लेटफॉर्म है. इसके विज्ञापनों का खर्च भाजपा उठा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव प्रचार का चौबीसों घंटे प्रसारण करने वाला नमो टीवी 31 मार्च को लॉन्च हुआ था. इसके लोगो में मोदी का फोटो भी है.

चैनल के खिलाफ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने शिकायत की थी. सूत्रों के अनुसार आयोग ने दूरदर्शन को पत्र लिखकर 31 मार्च को दिल्ली में हुए भाजपा के ‘मैं भी चौकीदार’ कार्यक्रम का एक घंटे तक सीधा प्रसारण करने पर भी जवाब मांगा है.

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