शरद पवार ने हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तारीफ करते हुए कहा था कि वो प्रधानमंत्री बनने के लायक है. शरद पवार के इस बयान के बाद से कयास लगाए जाने लगे की वो कांग्रेस के करीब आना चाह रहे है. और 2019 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ना चाह रहे हैं.
कांग्रेस और एनसीपी के बीच 2019 के लोकसभा चुनावों को लेकर सीटों का बंटवारा हो गया है. दोनों पार्टियों के बीच बस पुणे की सीट को लेकर पेंच फंसा हुआ है. और ऐसे में एनसीपी कांग्रेस को नाराज नहीं करना चाहती. इसीलिए पार्टी के कांग्रेस को खुश करने के लिए तमाम नेताओं के कारण बताओं नोटिस जारी किया है और उसने जवाब मांगा है जिन्होंने अहमदनगर निगम में पार्टी लाइन से हटकर बीजेपी का साथ दिया था.
दरअसल, महाराष्ट्र के अहमदनगर और धुले नगर निगम के लिए चुनाव हुए थे. जिसके परिणाम 10 दिसंबर को आए थे. अहमदनगर में शिवसेना सबसे बड़ी पार्टी बरकर उभरी थी. उसके खाते में 68 में से 22 सीटे आई थी. वो वहीं बीजेपी के खाते में 14 और कांग्रेस- एनसीपी के गठबंधन ने 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं बीएसपी ने 4 सीट जीती थी. क्योंकि किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था को बीजेपी ने एनसीपी और बीएसपी के सपोर्ट से अपने मेयर को जितवा लिया.
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बीजेपी नेता राम शिंदे ने बताया कि चुनाव परिणामों के बाद हम तीसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरे थे. किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था इसलिए हमने मेयर के लिए नॉमिनेशन भरा. उन्होंने कहा कि एनसीपी ने हमें विकास के मुद्दे पर वोट सपोर्ट देने की बात कही. उन्होंने हमें सपोर्ट भी किया और हम 37 वोट से मेयर का इलेक्शन जीत गए.
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वहीं अब एनसीपी के नेता नवाब मलिक ने कहा है कि, उन सभी नेताओं को कारण बताओं नेटिस जारी किया जाएगा और उसने जवाब मांगा जाएगा. अगर पार्टी उनके जवाब से संतुष्ट नहीं होती है तो उन्हें ुपार्टी से बाहर निकाल दिया जाएगा.