नई दिल्ली– निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड के दोषियों में से एक विनय कुमार की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। विनय ने राष्ट्रपति द्वारा उसकी दया याचिका को खारिज करने को चुनौती दी थी। विनय की याचिका खारिज करने के साथ सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि वह मेडिकली फिट है।
विनय की याचिका भी सुप्रीम कोर्ट से खारिज होने के बाद चारों दोषी फांसी के और करीब पहुंच गए हैं। बता दें कि मृत्युदंड से बचने के लिए अपराधी तरह-तरह के पैंतरे अपना रहे हैं। इसी कड़ी में विनय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर राष्ट्रपति के दया याचिका को खारिज करने को चुनौती दी थी।
2012 Delhi gang-rape case: Supreme Court dismisses the petition of death-row convict Vinay Kumar Sharma challenging the rejection of the mercy petition by President Kovind. pic.twitter.com/0z32vdc9ib
— ANI (@ANI) February 14, 2020
इसी याचिका पर सुनवाई में बृहस्पतिवार को दोषियों के वकील एपी सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि विनय को जेल में बहुत प्रताड़ित किया गया, जिसके कारण वह मानसिक रूप से बीमार हो गया है। राष्ट्रपति ने दया याचिका खारिज करते समय उसके मानसिक रूप से बीमार होने के पहलू पर विचार नहीं किया।
वहीं, दूसरी तरफ सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने विनय के वकील की दलीलों का विरोध करते हुए अदालत को बताया था कि विनय शारीरिक व मानसिक तौर पर पूरी तरह फिट और स्वस्थ है। कोर्ट ने करीब दो घंटे तक सुनने के बाद विनय की याचिका पर शुक्रवार तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था।
वकील एपी सिंह ने दया याचिका खारिज करने की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा था कि उप राज्यपाल ने दया याचिका प्रेषित करने की फाइल पर हस्ताक्षर नहीं किए थे।
वकील ने कोर्ट से फाइल दिखाने का आग्रह किया लेकिन कोर्ट ने मांग खारिज कर दी। सरकार की ओर कोर्ट मे ओरिजनल फाइल पेश की जिसे कोर्ट ने देखा। कोर्ट ने फाइल देखकर पाया कि उस पर दिल्ली सरकार के संबंधित मंत्री और उप राज्यपाल के हस्ताक्षर थे।