यूपी में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण का बंटवारे की तैयारी है, वहीं अब पूरे देश में ओबीसी (OBC) का डाटा तैयार करने के लिए ओबीसी आयोग ने केंद्र से मदद मांगी है। अन्य पिछड़ा आयोग (OBC) ने पूरे में जातिवार आंकड़े तैयार करने के लिए तैयार है। जिसके लिए उसने केंद्र सरकार से 200 करोड़ रुपए की मांग की है।
आयोग के सूत्रों के मुताबिक ओबीसी की उप जातियों के बारे में विस्तार से आंकड़े तैयार करने की तैयारी है। केंद्र को लिखे गए पत्र के मुताबिक देश में ओबीसी की 26 सौ से जातियां है। जिनके बारे में आयोग जानकारी जुटाएगा. ओबीसी का एक मुश्त आंकड़ा तो आयोग के पास मौजूद है, लेकिन उप जातियों के बारे में पुख्ता कोई जानकारी नहीं है।
गांव, गांव जाकर जुटाया जाएगा डाटा
आंकड़ों को जुटाने के पीछे वजह ओबीसी के नौकरीपेशा, रोजगार, योजनाओं प्रकार और गरीबों की संख्या के मुताबिक योजनाएं बनाने का है। साथ ही आयोग क्षेत्रवार, भौगोलिक स्तर, राज्यवार आंकड़े जुटाकर सरकार के पास व्यापक रिपोर्ट बनाकर भेजने की तैयारी है। ओबीसी आयोग की पांच सदस्यीय टीम ओबीसी आरक्षण के समान बंटवारे की भी अनुशंसा करेगा। सेवानिवृत्त जज जी. रोहिणी की अध्यक्षता वाले आयोग ने देशव्यापी सर्वेक्षण के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत को पत्र लिखा है।
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केंद्र सरकार से मांगे 200 करोड़
आयोग के मुताबिक ओबीसी के हर जिले, कस्बे, गांव, टोला में जाकर आंकड़े इकट्ठे किए जाएँगें। जिसका आंकलन करके ओबीसी के लिए शिक्षा, रोजगार, चिकित्सा और अन्य सुविधाएं देने में आसानी होगी। आंकड़े जुटाने के लिए ओबीसी आयोग ने सरकार को पत्र लिखकर 200 करोड़ रुपए मांगें है। जिनपर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय व्यापक विचार कर रहा है।
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आरक्षण के बंटवारे में काम आयेगें आंकड़े
आयोग के जुटाए आंकड़ों के मुताबिक केंद्र सरकार को पिछड़ों के आरक्षण को बांटने में भी काम आएगा। जैसा की यूपी सरकार ने प्रदेश में आरक्षण बांटने के लिए तीन कैटेगरी बनाई है। केंद्र के पास इन आंकड़ों के आने के बाद पिछड़ों में अति पिछड़ों के लिए अलग से योजनाओं के साथ आरक्षण की अलग से व्यवस्था भी की जा सकगी।