15 जनवरी को मकर संक्रांति का महापर्व मनाया जाएगा. हिंदू धर्म में मकर संक्राति का विशेष महत्व है. मकर संक्रांति का सीधा संबंध ऊर्जा के देवता भगवान सूर्य से है. सूर्य के उत्तरायण होने के साथ ही समस्त सृष्टि ऊर्जावान होने लगती है. इसलिए मकर संक्रांति का महत्व हमारी लोक रीति व उत्सवों में साफ दिखता है.
इसके साथ ही मकर संक्रांति के दिन ग्रहों के दुष्प्रभाव को कम कर उन्हें अनुकूल बनाने के लिए भी जाना जाता है. ज्योतिषाचार्यों ने इस दिन बहुत ही सामान्य चीजों के दान से ग्रहों के दुष्प्रभाव दूर करने के उपाय बताएं हैं.
मकर संक्रांति को सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने जाएंगे उनके घर
जाने किस ग्रह के लिए क्या दान करें
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सूर्यः सूर्य ग्रह के दोष को दूर करने के लिए माणिक्य, गेहू, स्वर्ण, तांबा, बर्तन, गुड़, गाय, लाल वस्त्र, लाल फूल, लाल चंदन का दान करने से ग्रह दोष से मुक्ति मिलती है.
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चंद्रः चंद्र ग्रह को अनुकूल बनाने के लिए चांदी, मोती, चावल, दूध आदि का दान करना चाहिए.
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मंगलः मंगल ग्रह के शांति के लिए मसूर की दाल, लाल कपड़ा, गेहूं, सोना, तांबा, मीठी रोटी, भूमि व बतासा आदि का दान करना चाहिए.
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बुधः बुध दोष से मुक्त होने के लिए मूंग, हरा वस्त्र, पन्ना, कस्तुरी आदि का दान देना चाहिए.
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बृहस्पतिः बृहस्पति दोष से बचने के लिए पीली मिठाइयां, चीनी, केला, हल्दी, पीला धान, पीला कपड़ा, पुखराज, नमक, सोना, चने की दाल, घोड़ा, शहद, केसर का दान करना चाहिए.
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शुक्रः शुक्र दोष दूर करने के लिए सफेद रेशमी धागा, चावल, दही, घी, गाय, बछड़ा, हीरा, कपूर आदि का दान करना चाहिए.
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शनिः शनि दोष की मुक्ति के लिए काली उड़द, तेल, काला कपड़ा लोहे का बर्तन, तिल, कंबल, जूता, नीलम व चांदी आदी का दान देना चाहिए.
राहु-केतुः राहु-केतु के दुष्प्रभाव से बचने के लिए नीला फूल, कोयला, नीला वस्त्र, कंबल, गोमेद, तेल, लोहा, नारियल, कस्तुरी आदि दान देना चाहिए.