मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में विपक्ष!

मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में विपक्ष!

मणिपुर में चल रही हिंसा पर मानसूत्र सत्र के पहले दिन से विपक्षी दल प्रधानमंत्री के बयान की मांग कर रहे हैं। लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक गृह मंत्री और केंद्रीय मंत्री ही जवाब दे रहे है। इस बात से नाराज भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) में शामिल कुछ विपक्षी दल लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस ला सकते हैं। मंगलवार सुबह ‘इंडिया’ के घटक दलों की बैठक में नोटिस सौंपने के प्रस्ताव पर चर्चा की गई।

सूत्रों के मुताबिक विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाकर सरकार के साथ ही प्रधानमंत्री पर दबाव बनाने की कोशिश करेगी। मणिपुर के मुद्दे को लेकर आज कांग्रेस अघ्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के संसद भवन में स्थित कमरे विपक्षी दलों की एक बैठक हुई। इस बैठक में संघर्षग्रस्त मणिपुर की स्थिति पर प्रधानमंत्री मोदी को संसद में बोलने के लिए मजबूर करने के विभिन्न विकल्पों पर विचार करने के बाद यह निर्णय लिया गया। सरकार को इस मुद्दे पर चर्चा शुरू करने के लिए मजबूर करने का यह एक प्रभावी तरीका होगा। सूत्रों ने कहा कि मणिपुर पर सरकार को घेरने की विपक्ष की रणनीति राज्यसभा में भी जारी रहेगी।

पिछली बार जुलाई 2018 में विपक्ष मोदी सरकार के खिलाफ ही अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, जो बुरी तरह फेल हो गया। अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में सिर्फ 126 वोट पड़े थे, जबकि इसके खिलाफ 325 सांसदों ने वोट किया था। अगर मणिपुर मुद्दे को लेकर जारी गतिरोध के बाद सदन में अविश्वास प्रस्ताव आता है, तो इनकी संख्या बढ़कर 28 हो जाएगी। जुलाई 2018 से पहले 2003 में सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली तत्कालीन एनडीए सरकार के खिलाफ पेश किया था।
अब बात करते हैं कि अगर विपक्ष अभी मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए तो क्या होगा? फिलहाल लोकसभा में मोदी सरकार बेहद मजबूत स्थिति में है। माना जा रहा है कि सरकार बड़ी आसानी से विश्वास मत हासिल कर लेगी। लोकसभा में बीजेपी के पास 301 और पूरे एनडीए के पास 333 सांसद हैं। वहीं पूरे विपक्ष के पास कुल 142 लोकसभा सदस्य हैं। इसमें से सबसे ज्यादा 50 सांसद कांग्रेस के ही हैं। हालांकि एनडीए के अंतिम नंबर में थोड़ा कम-ज्यादा हो सकता है क्योंकि बीजेपी के कुछ सांसद बीमार हैं या विदेश में हैं। लेकिन इसके बाद भी मोदी सरकार आसानी से अविश्वास प्रस्ताव को गिरा सकती है।
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