लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अयोध्या के प्रसिद्ध हनुमान गढी मंदिर के गद्दीनशीन रमेश दास समेत राष्ट्रीय अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत ज्ञानदास व एक अन्य महंत सुरेंद्र दास को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है. इन सभी पर सरकारी कॉलेज में अवैध पार्किंग स्टैंड चलाने का आरोप लगाया गया है.
ये भी पढ़ें- पंडित दीनदयाल उपाध्याय की मृत्यु के मामले की हो सकती है सीबीआई जांच
न्यायमूर्ति विवेक चौधरी की एकल सदस्यीय पीठ ने यह आदेश अयोध्या प्रेस क्लब के अध्यक्ष महेंद्र त्रिपाठी की याचिका पर दिया. याची के अधिवक्ता चन्दन श्रीवास्तव ने दलील दी कि हनुमान गढी मंदिर के पास स्थित हनुमत संस्कृत महाविद्यालय में अवैध पार्किंग स्टैंड चलाया जाता था. इस आशय की शिकायत याची ने पुलिस में की थी लेकिन पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई न किए जाने पर उन्होंने सम्बंधित मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रार्थना पत्र दाखिल करते हुए, एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग की. इस दौरान याची को धमकियां भी दी जाने लगीं.
मजिस्ट्रेट के आदेश से मामले की एफआईआर रामजन्म भूमि थाने में दर्ज हुई. शुरूआत में पुलिस की विवेचना ठीक चल रही थी लेकिन विपक्षीगणों ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए, विवेचक का तबादला करवा दिया व नए विवेचक ने आते ही मात्र नौ दिनों में आनन-फानन फाइनल रिपोर्ट दाखिल कर दी. फाइनल रिपोर्ट का याची की ओर से प्रोटेस्ट प्रार्थना पत्र दाखिल करते हुए, विरोध किया गया लेकिन निचली अदालत ने फाइनल रिपोर्ट स्वीकार कर लिया.
ये भी पढ़ें- दीन दयाल उपाध्याय मर्डर मिस्ट्री: मधोक ने अटल बिहारी पर लगाया था हत्या का आरोप
जिसके बाद सत्र न्यायालय में रिविजन दाखिल किया गया परंतु वहां से भी याची को राहत नहीं मिली. जिसके बाद अब हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. जिस पर राज्य सरकार व याची के अधिवक्ता की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने उपरोक्त महंतों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है.