कोरोना वायरस के खात्मे के लिए तैयार की जा रही इस वैक्सीन पर टिकी थीं दुनिया भर की निगाहें, जानें टेस्ट में पास या फेल

नई दिल्ली, राजसत्ता एक्सप्रेस। कोरोना वायरस के खात्मे के लिए देश-दुनिया के वैज्ञानिक दिन रात एक कर वैक्सीन विकसित करने की कोशिशों में जुटे हैं। बता दें कि एक वैक्सीन को तैयार करने में कई साल लग जाते हैं। वैक्सीन को कई क्लिनिकल ट्रायल से होकर गुजरना पड़ता है। कोरोना को मिटाने के लिए दुनिया भर में वैक्सीन तैयार करने का काम तेजी से चल रहा है। अभी COVID-19 के लिए 100 से अधिक संभावित टीके हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए 7 से 8 वैक्सीन पर भरोसा जताया है, जिन्हें तैयार करने का प्रयास तेजी से चल रहा है।

इस दौड़ में, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा तैयार की जा रही वैक्सीन को प्रमुख संभावित टीकों में से एक माना जा रहा था। वैक्सीन कैंडिडेट ”ChAdOx1 nCoV-19” के लिए शोधकर्ताओं ने सामान्य कोल्ड के कमजोर वायरस (adenovirus) का इस्तेमाल किया, जो चिंपांजी में संक्रमण का कारण बनता है और इसे SARS-CoV-2 स्पाइक प्रोटीन के जेनेटिकल मैटेरियल के साथ मिलाया गया। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में चल रहा वैक्सीन का ट्रायल शुरुआती चरण में ही फेल हो गया। इस वैक्सीन का बंदरों पर कोई खास असर नहीं दिखा।

वैक्सीन को इस तरह से तैयार किया जा रहा था कि जब शरीर में कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन प्रवेश करें तो यह उसे पहचान ले और उसे खत्म करने के लिए इम्यून सिस्टम तैयार करे। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा तैयार की जा रही COVID-19 वैक्सीन दुनिया भर में तैयार की जारी टॉप-8 वैक्सीन में लिस्टेड थी। चिंपाजी पर हुए परीक्षण के बाद इसे तैयार करने में लगे वैज्ञानिक और रिसर्चर्स को निराशा हाथ लगी है, यह केवल “आंशिक रूप से” प्रभावी है क्योंकि यह संक्रमण को रोकने में सक्षम नहीं था।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles