नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में प्रति लीटर 2.50 रुपये की कटौती का ऐलान किया है. सरकार ने राज्यों से भी 2.50 रुपए की राहत देने की अपील की है ताकि उपभोक्ताओं को प्रति लीटर 5 रुपए का फायदा मिल सके. केन्द्र की अपील के बाद उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, त्रिपुरा, झारखंड और मध्य प्रदेश समेत कई राज्य सरकारों ने भी कटौती का एलान कर दिया है. यानी इन राज्यों में ग्राहकों को 5 रुपए प्रति लीटर की राहत मिल गई है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक समारोह में डीजल और पेट्रोल के दाम में 2.50 रुपए की कमी का एलान किया.
सरकार ने घटाई एक्साइज ड्यूटी
दरअसल केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेट्रोल और डीजल की कीमत में 2.50 रुपए कटौती का एलान किया है. सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर डेढ़ रुपए एक्साइज ड्यूटी घटाने का फैसला लिया. इसके अलावा तेल कंपनियों ने भी एक रुपए प्रति लीटर की कमी की है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने तेल कंपनियों से एक रुपए की कटौती करने को कहा था. इस तरह पेट्रोल-डीजल 2.5 रुपए सस्ता हो गया है.
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जेटली ने कहा कि, ‘अंतरमंत्रालयी बैठक में हमने तय किया कि एक्साइज ड्यूटी 1.50 रुपए घटाई जाएगी. इसके अलावा ऑइल मार्केटिंग कंपनियां एक रुपया घटाएंगी. केंद्र सरकार की तरफ से हम 2.50 रुपए प्रति लीटर तुरंत उपभोक्ताओं को राहत देंगे.’
राज्य भी 2.50 रुपए की कटौती करें- जेटली
वित्त मंत्री ने राज्यों से भी इतनी ही कटौती करने की गुजारिश की है ताकि ग्राहकों को 5 रुपए की राहत मिल सके. वित्त मंत्री ने कहा कि कटौती से एक्साइज रेवेन्यू में इस साल 10,500 करोड़ रुपए का असर पड़ेगा. केंद्र सरकार फिलहाल पेट्रोल पर 19.48 रुपए और डीजल पर 15.33 रुपए एक्साइज ड्यूटी वसूलती है.
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इससे पहले गुरुवार को दिल्ली में पेट्रोल में 15 पैसे की बढ़ोतरी की गई। इसके साथ यहां रेट 84 रुपए प्रति लीटर हो गया है। मुंबई में 14 पैसे महंगा होकर 91.34 प्रति लीटर पर पहुंच गया। दिल्ली में डीजल में 20 पैसे और मुंबई में 21 पैसे का इजाफा किया गया।
जेटली का दावा, नियंत्रण में है महंगाई
जेटली ने कहा कि, “अमेरिका ने इंट्रेस्ट रेट बढ़ाया है, जिसका बाजार पर असर पड़ा है. बाजार और करंसी बाजार में उतार-चढ़ाव है. कई कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं. हमने आईएलऐंडएफएस का बोर्ड बदल दिया है. हमने आयात पर अंकुश के लिए भी कई कदम उठाए हैं. महंगाई नियंत्रण में है और 4 प्रतिशत से कम पर बनी हुई है. पिछली तिमाही में जीडीपी 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी है.”