माया ने दिखाया ठेंगा, अखिलेश अब यहां से लगाए हैं ‘बड़े दिल’ की उम्मीद !

अखिलेश यादव ने बुधवार को बीजेपी और आरएसएस पर किसानों का हितैषी न होने और उद्योगपतियों से साठ-गांठ के तमाम आरोप लगाए, लेकिन उनका एक बयान सबकी नजर में चढ़ गया.

लखनऊ: 2019 से पहले यूपी में महागठबंधन बनने की तस्वीर सपा अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव के ताजा बयान से धुंधली पड़ती दिख रही है. अखिलेश ने कांग्रेस से गुहार लगाई है कि वो बड़ा दिल दिखाए. ऐसे में साफ हो रहा है कि जिन मायावती को अखिलेश बुआ कह रहे थे, उन बुआ ने ही अपना दिल छोटा कर लिया है.

क्या कहा अखिलेश ने ?

अखिलेश यादव ने बुधवार को बीजेपी और आरएसएस पर किसानों का हितैषी न होने और उद्योगपतियों से साठ-गांठ के तमाम आरोप लगाए, लेकिन उनका एक बयान सबकी नजर में चढ़ गया. अखिलेश ने कहा, “कांग्रेस को दिल बड़ा करना चाहिए और सभी राज्यों में गैर बीजेपी दलों को साथ लेना चाहिए. नहीं तो उन दलों पर बीजेपी का साथ देने का आरोप लगेगा.” अखिलेश के इस बयान से साफ हो जाता है कि बुआ यानी मायावती ने गठबंधन के लिए ऐसा पेच सामने रख दिया है, जिसकी वजह से वो अब कांग्रेस से बड़ा दिल दिखाने की अपील कर रहे हैं.

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मायावती ने दिया था ये बयान

बता दें कि बीते दिनों जब भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर उर्फ रावण ने जेल से निकलने के बाद अपने बयान में मायावती को बुआ कहा था, तो मायावती ने साफ कह दिया था कि वो किसी की बहन या बुआ नहीं हैं. इसके अलावा मायावती ने मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में होने जा रहे विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस या सपा से गठजोड़ नहीं किया. छत्तीसगढ़ में उनकी पार्टी अजित जोगी की पार्टी के साथ मैदान में है.

मायावती ने रखी हैं ये शर्तें ?

सूत्रों के मुताबिक मायावती ने अखिलेश के सामने दो कड़ी और बड़ी शर्तें रखी हैं. पहली शर्त ये कि यूपी में बीएसपी 50 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी और दूसरी शर्त ये कि अखिलेश को अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव को साथ लेना पड़ेगा. क्योंकि मायावती को पता है कि शिवपाल यादव की ओर से अलग उम्मीदवार मैदान में उतारने पर बीजेपी को ही फायदा होगा और अखिलेश और शिवपाल के बीच दरार इतनी चौड़ी हो गई है कि अब दोनों में मेलजोल होना लगभग नामुमकिन लग रहा है.

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कांग्रेस भी दे सकती है गच्चा

बता दें कि पहले ऐसी खबरें छनकर आई थीं कि सपा की ओर से कांग्रेस को रायबरेली और अमेठी समेत 4-5 सीटें ही देने का प्रस्ताव है. जाहिर है, कांग्रेस इस पर कतई राजी नहीं होगी. ऐसे में अखिलेश की गुहार पर कांग्रेस के भी बड़ा दिल दिखाने के आसार कम हैं.

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