नई दिल्ली, राजसत्ता एक्सप्रेस। कोरोना को जड़ से खत्म करने के प्रयास में एक डॉक्टर ने अपनी ही जीवन लीला खत्म कर ली। यह सनसनीखेज मामला चेन्नई के पेरुंगुडी में सामने आया है। डॉक्टर ने कोरोना वायरस के इलाज के लिए तैयार की गई दवा का खुद पर परीक्षण किया और कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई। मामले की जांच में शामिल पुलिस अधिकारी ने बताया कि डॉक्टर शिवनेसन एक आयुर्वेदिक उत्पादन कंपनी के साथ फार्मासिस्ट और प्रोडक्शन मैनेजर के रूप में काम कर रहे थे। ये फार्मा कंपनी कफ सिरप के लिए प्रसिद्ध है।
कोरोना वायरस से निपटने के लिए शिवनेसन और उनके बॉस राजकुमार वैक्सीन तैयार करने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कोरोना के लिए जो दवा बनाई, उसे खुद अपने ही ऊपर टेस्ट करने लगे। राजकुमार ने उस दवा की कुछ बूंदें पी लीं और शिवनेसन ने ज्यादा मात्रा में उसका सेवन कर लिया। दवा का सेवन करते ही वे दोनों बेहोश हो गए। उन दोनों को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। शिवनेसन की अस्पताल में मौत हो गई, जबकि राजकुमार की हालत स्थिर बताई जा रही है।
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वैक्सीन के इंतजार में पूरी दुनिया
कोरोना वायरस को बेअसर करने के लिए वैक्सीन की खोज में दुनिया के तमाम वैज्ञानिक दिन रात मेहनत कर रहे हैं। कई देशों में वैक्सीन तैयार कर उसका ट्रायल भी किया जा रहा है, लेकिन सफलता अभी तक किसी के हाथ नहीं लगी है। चीन में कोरोना वैक्सीन का ट्रायल दूसरे चरण में है। अमेरिका में भी वैक्सीन बनाने का काम जोरों पर चल रहा है। इजरायल की बात करें तो वहां के रक्षा मंत्री नैफताली बेन्नेट ने दावा किया है कि इजरायल के आईआईबीआर संस्थान ने कोरोना वायरस की वैक्सीन विकसित कर ली है। संस्थान ने एंटीबॉडी बना ली है।
अब वैक्सीन के विकास के स्टेज पूरे हो चुके हैं। अब इसके पेटेंट और बड़े पैमाने पर उत्पादन की तैयारी शुरू हो रही है। लेकिन बेन्नेट ने अपने बयान में यह नहीं बताया कि इस वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल या ह्यूमन ट्रायल हुआ है या नहीं। नैफताली बेन्नेट ने कहा कि इजरायल अपने लोगों की सेहत और इकोनॉमी को संतुलित करने का प्रयास कर रहा है। इसके अलावा ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी सबसे बड़ा इंसानी ट्रायल कर रही है। भारत की भी करीब आधा दर्जन कंपनियां कोरोना की वैक्सीन बनाने में जुटी हुई हैं।