Wednesday, April 2, 2025

प्रधानमंत्री मोदी ने श्री सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज द्वारा बनाया गया होस्टेल फेज -1(कुमार छात्रावास) का किया भूमिपूजन ,कहा- भगवान राम के आशीर्वाद से मिटता है अज्ञान !

नई दिल्ली। शुक्रवार यानी आज को पीएम मोदी (PM Narendra Modi) सूरत में सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज (Saurashtra Patel Seva Samaj) द्वारा बनाये गए  छात्रावास फेज -1 (लड़कों के लिए छात्रावास) का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये उद्घाटन किये । कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, भगवान राम के अनुसरण का अर्थ है- मानवता का और ज्ञान का अनुसरण। इसलिए गुजरात की धरती से राष्ट्रपिता ने रामराज्य के आदर्शों पर चलने वाले समाज की कल्पना की थी।

 

प्रधानमंत्री के संबोधन की महत्वपूर्ण बातें… 

कोरोना काल के कठिन समय के बाद हमारी अर्थव्यवस्था ने जितनी तेजी से वापसी की है, उससे पूरा विश्व भारत को लेकर आशा से भरा हुआ है। अभी हाल में एक विश्व संस्था ने भी कहा है कि भारत फिर विश्व  की सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रोफेशनल कोर्सेस की पढ़ाई स्थानीय भाषा में कराए जाने का विकल्प भी दिया गया है। अब पढ़ाई का मतलब डिग्री तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पढ़ाई को स्किल के साथ जोड़ा जा रहा है। देश अपने पारंपरिक स्किल्स को भी अब आधुनिक संभावनाओं से जोड़ रहा है।

आपके आशीर्वाद की ताकत इतनी बड़ी है कि आज 20 साल से ज्यादा वक्त हो गया, फिर भी अखंड रूप से पूर्व में  गुजरात की और आज पूरे देश की सेवा करने का अवसर  मिला है।

आप सभी के आशीर्वाद से मुझ जैसे अत्यंत सामान्य व्यक्ति को जिसका कोई पारिवारिक या राजनीतिक परिश्त्भूमि नहीं था , जिसके पास जातिवादी राजनीति का कोई आधार नहीं था, ऐसे मुझ जैसे साधारण आदमी  को आपने आशीर्वाद देकर गुजरात की सेवा का मौका 2001 में दिया था

सबका साथ, सबका विकास का सामर्थ्य क्या होता है ये भी मैंने गुजरात से ही सीखा है। एक समय गुजरात में अच्छे विद्यालयों की कमी थी, अच्छी शिक्षा के लिए अध्यापकों  की कमी थी। उमिया माता का आशीर्वाद लेकर, खोड़ल धाम के दर्शन करके मैंने इस समस्या के समाधान के लिए लोगों को अपने साथ जोड़ा।

इस जगह का इसलिए विकास किया गया था ताकि शिक्षा का प्रसार किया जा सके, गांव के विकास से जुड़े कार्यो में तेजी लाई जा सके।

जो लोग गुजरात के बारे में कम जानते हैं, उन्हें मैं आज वल्लभ विद्यानगर के बारे में भी बताना चाहता हूं। आप में से काफी लोगों को पता होगा, ये स्थान, करमसद-बाकरोल और आनंद के मध्य  में पड़ता है।

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