मुंबई हमले में शहीद हुए एटीएस के ऑफिसर हेमंत करकरे पर विवादित बयान देकर पलटने के बावजूद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। भोपाल से बीजेपी की लोकसभा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत की गई थी, जिस पर आयोग ने उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजा है। अब साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज करवा दिया गया है।
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इंदौर के कांग्रेस नेता देवेंद्र सिंह यादव ने साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ पुलिस केस करवाया है। उन्होंने कहा है कि साध्वीप ने शहीद हेमंत करकरे के लिए जो बयान दिया, वह किसी भी सूरत में माफी के योग्य नहीं है।
साध्वी का विवादित बयान
साध्वी प्रज्ञा 2008 में महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए बम धमाके की आरोपी हैं। इसी वजह से उनके चुनाव लड़ने पर खूब विरोध हो रहा है। साध्वी प्रज्ञा ने कहा है कि हेमंत करकरे की आतंकवादियों द्वारा हत्या उनके कर्मों की सजा है। उन्होंने मुझे गलत तरीके फंसाया था।
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साध्वी प्रज्ञा ने कहा,‘उस समय मैं मुंबई जेल में थी। राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग के सदस्य ने हेमंत करकरे को बुलाकर कहा कि जब तुम्हारे पास सबूत नहीं है, तो साध्वी को छोड़ दो। बिना सबूत के इनको रखना गैरकानूनी है। लेकिन उसने कहा कि मैं कुछ भी करूंगा, कहीं से भी सबूत लेकर आऊंगा, लेकिन साध्वी को नहीं छोडूंगा।’
बकौल साध्वी, ‘उसकी यह कुटिलता धर्म विरुद्ध थी। वो मुझसे तमाम तरह के प्रश्न करता था कि ऐसा क्यों हुआ? वैसा क्यों हुआ? मैं उसे कहती कि मुझे क्या पता। भगवान जाने, तो उसने कहा कि क्या मुझे ये जानने के लिए भगवान के पास जाना पड़ेगा। मैंने कहा, बिल्कुल अगर आपको आवश्यकता है, तो आप जरूर जाइए।’
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साध्वी ने कहा, ‘मैंने उसे कहा कि तेरा सर्वनाश होगा। मुझे असहनीय यातनाएं और गालियां दी गईं। जब किसी के यहां मृत्यु या जन्म होता है, तो ठीक सवा महीने में सूतक लगता है। जिस दिन मैं गई थी, उस दिन सूतक लग गया था और जिस दिन आतंकवादियों ने उसे मारा, सूतक खत्म हो गया था।’
उन्होंने कहा, ‘2008 में जब मैं जेल गई और आसुरी शक्तियां यहां व्याप्त हो गईं। संन्यासी को बिना अपराध के जेल के अंदर डाला गया। उस दिन मैंने कहा कि इस शासन का अंत और सर्वनाश हो जाएगा और आज प्रत्यक्ष उदाहरण आपके सामने है।’