उप्र में पहले चरण की आठ लोकसभा सीटों पर कड़ी सुरक्षा के बीच हो रहा मतदान

मतदान

लखनऊ: लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण में पश्चिम उत्तर प्रदेश की आठ सीटों पर कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुवार सुबह सात बजे मतदान प्रारम्भ हो गया। मतदान शाम छह बजे तक जारी रहेगा। हालांकि जो मतदाता मतदान केंद्रों पर छह बजे तक पहुंच जाएंगे वे भी वोट दे सकेंगे। प्रदेश की जिन आठ सीटों पर आज पहले चरण का मतदान हो रहा है, उनमें सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर शामिल हैं। प्रथम चरण की इन आठ संसदीय सीटों के लिए कुल 96 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। सहारनपुर में कुल 11 उम्मीदवार, कैराना में 13, मुजफ्फरनगर में 10, बिजनौर में 13, मेरठ में 11, बागपत में 13, गाजियाबाद में 12 तथा गौतमबुद्ध नगर में कुल 13 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।

इनमें महिला उम्मीदवारों की संख्या दस है। मतदाताओं की कुल संख्या 1.50 करोड़ इस चरण में मतदाताओं की कुल संख्या 1.50 करोड़ है, जिनमें 82.24 लाख पुरुष, 68.39 लाख महिला और 1014 तृतीय लिंग के मतदाता हैं। इनमें 18 से 19 वर्ष के युवा मतदाताओं की संख्या 273032 और 80 वर्ष से अधिक वरिष्ठ मतदाता 271565 हैं। इन निर्वाचन क्षेत्रों में कुल 6716 मतदान केंद्र तथा 16581 मतदेय स्थल स्थापित किए गए हैं। आठ सीटों पर 27530 ईवीएम की बैलेट यूनिट, 21249 कंट्रोल यूनिट और 22741 वीवीपैट मशीनें लगाई गई हैं। मतदान के लिए कुल 75,366 कर्मचारियों को तैनात किया गया है।

प्रथम चरण के मतदान कार्य में 3263 हल्के वाहन और 3611 भारी वाहन लगाए गए हैं। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम पहले चरण के मतदान को शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए हैं। आठों संसदीय क्षेत्रों को 130 जोन व 1308 सेक्टर में बांट दिया गया है। इस चरण में 157 कंपनी पैरामिलिट्री फोर्स और 35 कंपनी पीएसी समेत एक लाख पांच हजार पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। मतदान केन्द्रों पर निगरानी के लिए 1220 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 254 जोनल मजिस्ट्रेट और 88 स्टैटिक मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं। आठ सामान्य पर्यवेक्षक, चार पुलिस पर्यवेक्षक, आठ व्यय पर्यवेक्षक और 40 सहायक व्यय पर्यवेक्षक तैनात हैं। इनके अतिरिक्त 1751 माइक्रो ऑब्जर्वर भी तैनात किए गए हैं।

आचार संहिता के पालन और मतदान पर निगरानी के लिए 243 एमससीसी टीम, 434 स्टेटिक्स सर्विलांस टीम और 434 फ्लाइंग स्क्वायड टीम का गठन किया गया है। इसके अलावा 1581 बूथों पर डिजिटल कैमरे लगाए गए हैं, 816 पर वीडियो कैमरे और 1741 बूथों पर वेब कास्टिंग की जा रही है। राजधानी स्थित प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के कंट्रोल रुम से भी मतदान प्रक्रिया की लगातार निगरानी की व्यवस्था की गई है। वहां पर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल0 वेंकटेश्वर लू समेत अन्य अधिकारी दिन भर मौजूद रहेंगे। इन दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर पहले चरण के मतदान में कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। इनमें राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के मुखिया और पूर्व केंद्रीय मंत्री चैधरी अजित सिंह, उनके बेटे जयंत चैधरी और तीन वर्तमान केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह, डा0 महेश शर्मा और सत्यपाल सिंह भी शामिल हैं। रालोद प्रमुख अजित सिंह मुजफ्फरनगर सीट पर सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के उम्मीदवार हैं, तो उनके बेटे जयंत बागपत सीट से भाग्य आजमा रहे हैं।

जयंत को निवर्तमान भाजपा सांसद सत्यपाल सिंह और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के चैधरी मोहकम कड़ा टक्कर दे रहे हैं। केंद्र सरकार के मंत्री और पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह अपनी पुरानी सीट गाजियाबाद से फिर भाजपा उम्मीदवार के रुप में चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला गठबंधन के सुरेश बंसल और कांग्रेस उम्मीदवार डॉली शर्मा से है। दूसरे केंद्रीय मंत्री डा0 महेश शर्मा एक बार फिर गौतमबुद्धनगर (नोएडा) सीट से भाजपा की तरफ से मैदान में हैं। उधर, सहारनपुर में भाजपा ने मौजूदा सांसद राघव लखन पाल पर ही विश्वास जताया है। उनका मुख्य मुकाबला कांग्रेस के इमरान मसूद से है। कांग्रेस सहारनपुर सीट को अपनी मानती है। यह सीट मुस्लिम बहुल्य मानी जाती है। गठबंधन की तरफ से यह बसपा के खाते में है और मायावती ने यहां से हाजी फजर्लुर रहमान को टिकट दिया है।

वहीं शिवपाल ने अपने दल से मो0 उवैस को मैदान में उतारकर यहां की लड़ाई को बहुकोणीय बनाने की कोशिश की है। इसके अलावा कांग्रेस ने बिजनौर सीट से नसीमुद्दीन सिद्दीकी को उतारकर वहां के चुनाव को रोचक बना दिया है। नसीमुद्दीन सिद्दीकी कभी बसपा सुप्रीमो मायावती के बेहद खास और बसपा के कद्दावर नेता थे। ऐसे में वह गठबंधन के वोट बैंक में सेंध लगाकर बसपा उम्मीदवार को बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं। सपा-बसपा-रालोद गठबंधन ने मलूक नागर को यहां से मैदान में उतारा है। वहीं भाजपा से निवर्तमान सांसद कुंवर भारतेंद्र सिंह एक बार फिर भाग्य आजमा रहे हैं। शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने यहां से गुर्जर नेता ईलम सिंह पर दांव लगाया है। इसी तरह मेरठ सीट से भी कांग्रेस ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबू बनारसी दास के बेटे हरेंद्र अग्रवाल को टिकट देकर वहां के चुनाव को गठबंधन के लिए चुनौतीपूर्ण कर दिया है। गठबंधन की तरफ से यह सीट बसपा के खाते में है और मायावती ने प्रदेश के पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी को उतारा है।

वहीं, भाजपा निवर्तमान सांसद राजेंद्र अग्रवाल से लगातार तीसरी बार जीतने की आस लगाए हुए है। उधर, कैराना सीट जिसे उपचुनाव में भाजपा से रालोद की तबस्सुम हसन ने छीना था, इस बार फिर गठबंधन की उम्मीदवार हैं। लेकिन, उनके सामने भाजपा उम्मीदवार प्रदीप चैधरी बड़ी चुनौती बने हुए हैं। इस सीट से कांग्रेस ने पूर्व राज्यसभा सांसद हरेंद्र मलिक को मैदान में उतारा है।

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