राजसत्ता एक्सप्रेस। अमेरिका समेत दुनिया के कई देश कोरोना के खतरे के साथ-साथ हिंसा की आग में जल रहे हैं। वजह हैं पुलिस हिरासत में अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लायड की मौत। फ्लायड की मौत से न सिर्फ अमेरिका बल्कि दुनिया के कोने-कोने में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर #BlackLivesMatter ट्रेंड कर रहा है। इस बीच फ्लायड को लेकर एक और खुलासा हुआ है। फ्लायड की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि वो कोरोना संक्रमित थे। उन्हें अप्रैल में ही कोरोना हो गया था। बुधवार को जॉर्ज फ्लॉयड की पोस्टमार्टम रिपोर्ट जारी की गई। जिसमें खुलासा हुआ कि वो कोविड-19 से संक्रमित रह चुके थे। फ्लॉयड परिवार की अनुमति के बाद हेनेपिन काउंटी के चिकित्सा परीक्षक कार्यालय ने 20 पन्नों की रिपोर्ट जारी की है।
कोरोना संक्रमित थे जॉर्ज फ्लायड
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि फ्लॉयड तीन अप्रैल से कोरोना वायरस से संक्रमित थे, लेकिन उनमें बीमारी के कोई भी लक्षण नहीं थे। ये भी बताया गया कि उनके फेफड़े भी स्वस्थ दिख रहे थे। हालांकि, इस रिपोर्ट में ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है कि उनकी मौत के पीछे की वजह कोरोना का संक्रमण है।
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दिल का दौरा पड़ने से मौत
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, गर्दन और पीठ पर दबाव के कारण दम घुटने से फ्लॉयड की मौत हुई है। दरअसल, घुटने से पुलिस अधिकारी द्वारा फ्लॉयड की गर्दन को दबाया रखा गया। जिस वजह से दिमाग में रक्त का प्रवाह नहीं हो पाया। पीठ पर बोझ होने के कारण वो सांस नहीं ले पा रहे थे। हेनेपिन काउंटी मेडिकल परीक्षक ने इस रिपोर्ट में बताया है कि गर्दन पर पड़े दबाव के बाद अचानक दिल की धड़कन रुक जाने की वजह से उनकी मौत हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकारी ने काफी देर तक उनके गले को दबाए रखा था। जिस कारण उनको दिल का दौरा पड़ा। इसके अलावा मौत के कई अन्य कारणों के बारे में भी बताया गया है। जिसमें उनका रक्तचाप से पीड़ित होना, फेंटानिल का नशा लेना और हाल में मेथामफेटामाइन का इस्तेमाल करना की मौत की एक वजह बताया जा रहा है।
25 मई को जॉर्ज फ्लॉयड के साथ क्या हुआ था?
25 मई को मिनियापोलिस में 46 वर्षीय जॉर्ज फ्लॉयड को एक दुकान में नकली बिल का इस्तेमाल करने के शक में गिरफ्तार किया गया. पुलिस का कहना है कि जॉर्ज पर 20 डॉलर (करीब 1500 रुपये) के फर्जी नोट के जरिए एक दुकान से खरीदारी की कोशिश करने का आरोप लगा था। पुलिस की मानें तो जार्ज ने अफसरों को रोकने की कोशिश की थी, इसी वजह से उन्हें हथकड़ी पहना दी गई। पुलिस वाले उसे गाड़ी में बैठाने की कोशिश कर रहे थे, तभी जॉर्ज नीचे गिर गए। इसके बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसके पुलिस अधिकारी डेरेक चाउविन जॉर्ज फ्लॉयड की गर्दन को आठ मिनट तक दबाते दिखाई दिए। इस वीडियो में जॉर्ज को ये कहते सुना गया कि I can’t breathe (मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं), मुझे मत मारिए। इसी दौरान चोटों के कारण जॉर्ज की मौत हो गई। रिपोर्ट के मुताबिक, जॉर्ज फ्लॉयड की सुरक्षा गार्ड की नौकरी कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण चली गई थी।
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