नई दिल्लीः फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने mediapart.fr को एक इंटरव्यू दिया. इस इंटरव्यू में उन्होंने राफेल और अनिल अंबानी के बीच समझौते की बात कही भारतीय राजनीति में मचे तूफान को और बढ़ा दिया. ओलांद ने इंटरव्यू में कहा कि भारत सरकार ने रिलायंस डिफेंस को राफेल का ऑफसेट पार्टनर बनाने को कहा था और वो कुछ कहने की हालत में नहीं थे. अब सवाल ये है कि राफेल को लेकर भारत की राजनीति में काफी दिनों से बवाल चल रहा है, तो उस बीच ओलांद ने ये बात क्यों नहीं कही ? आखिर उनकी महिला मित्र जूली गाये की फिल्म को अनिल अंबानी की कंपनी से फंडिंग पर अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के बाद ही ओलांद ने राफेल सौदे पर क्यों बयान दिया। लगता यही है कि ओलांद खुद को पाक साफ दिखाना चाहते हैं और एक सोची-समझी रणनीति के तहत उन्होंने राफेल को लेकर बयान दिया है.
इंडियन एक्सप्रेस ने क्या खबर छापी थी ?
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने खबर छापी थी कि अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस एंटरटेनमेंट ने ओलांद की महिला मित्र रहीं जूली गाये की फिल्म प्रोडक्शन कंपनी रूग इंटरनेशनल को ‘तू ला हू’ नाम की फिल्म के लिए 24 जनवरी 2016 को फंडिंग की थी और इसके दो दिन बाद भारत और फ्रांस के बीच 36 राफेल विमान खरीदने का एमओयू हुआ. इसके बाद 2016 में ही अंबानी की रिलायंस डिफेंस को दसॉ ने ऑफसेट के लिए चुना. इंडियन एक्सप्रेस ने ये भी लिखा कि जब अप्रैल 2015 में पीएम नरेंद्र मोदी फ्रांस गए और वहां 36 राफेल खरीदने का एलान पहली बार किया, उस वक्त भी अनिल अंबानी पेरिस में मौजूद थे. ओलांद की महिला मित्र जूली गाये की फिल्म दसॉ और अंबानी की संयुक्त कंपनी डीआरएल के शिलान्यास के 8 हफ्ते बाद 20 दिसंबर 2017 को रिलीज हुई.
ये भी पढ़ें- राफेल पर फिर गच्चा खाई कांग्रेस, फ्रांस सरकार बोली- दसॉ ने खुद अंबानी को चुना
ओलांद खुद को दिखाना चाहते हैं पाक-साफ !
इंडियन एक्सप्रेस की इसी खबर के बाद राफेल मसले पर चुप्पी साधे ओलांद अब कह रहे हैं कि भारत सरकार ने अंबानी की कंपनी को ही ऑफसेट देने को कहा. माना जा रहा है कि ओलांद खुद को पाक-साफ दिखाना चाहते हैं. वो जताना चाहते हैं कि उनकी महिला मित्र की फिल्म में अनिल अंबानी की कंपनी का पैसा लगाने का अंबानी को मिले राफेल के ऑफसेट से कोई लेना-देना नहीं है. ओलांद ने mediapart.fr को दिए इंटरव्यू में कहा भी है- “इस ग्रुप (रिलायंस) को किसी बात के लिए मुझे धन्यवाद नहीं देना चाहिए। मुझे नहीं लगता कि जूली गाये की फिल्म से ग्रुप के कनेक्शन का राफेल सौदे से कोई लेना-देना है.”
बहरहाल, ओलांद ने भले ही रणनीति के तहत राफेल के ऑफसेट को लेकर बयान दिया हो, लेकिन फ्रांस की मौजूदा सरकार और राफेल बनाने वाली दसॉ के बयानों से फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति घिर गए हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में राफेल का विवाद भारत की सरहदों को पार करके फ्रांस की सियासत में भी तूफान खड़ा कर सकता है.