मोदी सरकार को राफेल डील मामले में सुप्रीम कोर्ट से क्लिन चिट मिल गई है. लेकिन इस पर घमासान अब भी जारी है. राफेल डील मामले में आरजेडी के नेता मनोड झा अटॉर्नी जनरल के खिलाफ राज्यसभा में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाएंगे.
RJD MP Manoj Jha is moving Privilege Motion in Rajya Sabha against the Attorney General over #RafaleDeal matter. (file pic) pic.twitter.com/Ar5yZKuEyx
— ANI (@ANI) December 16, 2018
आम आदमी पार्टी से नेता संजय सिंह सरकार के खिलाफ Privilege Motion लकेर आएंगे. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के उस हिस्से पर वबाल मचा हुआ है जिसमें राफेल डील को लेकर सीएजी और पीएससी का जिक्र है.
राफेल मुद्दे पर राज्यसभा में @narendramodi सरकार के खिलाफ़ Privilege Motion लाएंगे AAP सांसद @SanjayAzadSln !#RafaleMysteryContinues pic.twitter.com/GS6uJE7L2A
— AAP (@AamAadmiParty) December 16, 2018
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि विमानों की कीमत का ब्योरा सीएजी से साझा किया जा रहा है. सीएजी ने अपनी रिपोर्ट संसद की पीएसी से साझा की है. वहीं पीएसी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उन्हें सीएजी की कोई रिपोर्ट नहीं मिली.
इसी पर बीजेपी नेती सुब्रमण्यम स्वामी ने सवाल खड़ा किया है. स्वामी ने कहा कि,’मीडिया के मुताबिक अटॉर्नी जनरल ने कहा है कि उन्होंने ऐसा नहीं किया, तब किसने इस हलफनामे को तैयार किया? मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री को यह पता लगाना चाहिए क्योंकि इससे उन्हें शर्मिंदा किया जाता है. हम एक उचित अंग्रेजी मसौदा भी तैयार नहीं कर सकते हैं, वे इसे हिंदी में भी दे सकते थे.’
S Swamy: According to media Attorney General has said that he hasn’t done it then who prepared this affidavit? I think the PM should find it out because it embarrasses him, that we can’t even prepare a proper English draft, they could’ve have given it in Hindi also #RafaleVerdict pic.twitter.com/YIP1qvqOnn
— ANI (@ANI) December 16, 2018
सीताराम येचुरी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को तथ्यात्मक रूप से गलत जानकारी दी. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की दी रिपोर्ट के आधार पर फैसला दिया है. इसे संसद में जाना चाहिए था, बल्कि इसके बजाय न्यायपालिका के पास गया. उन्होंने कहा कि, यह संवैधानिक संस्थानों का उल्लंघन है. केवल अटॉर्नी जनरल जवाब दे सकते हैं, उन्हें संसद द्वारा बुलाया जाना चाहिए.
Sitaram Yechury: It’s clear now that govt gave factually incorrect info to SC & they delivered verdict based on it. It should’ve gone to parliament but went to judiciary instead; it’s a breach of constitutional institutions. Only AG can answer, he should be summoned by Parliament pic.twitter.com/Wk01Uc72KK
— ANI (@ANI) December 16, 2018