भोपाल: कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी भले ही पैराशूट नेताओं को पार्टी का टिकट न दिए जाने का ऐलान कर चुके हों, मगर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ इससे इत्तेफाक नहीं रखते. कमलनाथ ने साफ कहा कि जो व्यक्ति चुनाव जीतने मे सक्षम होगा, उसे पार्टी अपना उम्मीदवार बनाएगी, चाहे वह भारतीय जनता पार्टी से ही क्यों न आया हो.
कमलनाथ ने साफ किया कि कांग्रेस के लिए आगामी चुनाव जीतने के लिए लड़ा जाएगा. कमलनाथ ने कहा कि जहां कांग्रेस कमजोर है और भाजपा से आने वाले व्यक्ति चुनाव जीतने की स्थिति में है तो कांग्रेस ऐसे व्यक्ति को अपना उम्मीदवार बनाएगी.
कमलनाथ के इस बयान ने राज्य की सियासत में नए कयासों को जन्म दे दिया है, क्योंकि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने भोपाल में आकर कहा था कि जो व्यक्ति कांग्रेस के लिए जमीनी लड़ाई लड़ता है, उसे पार्टी उम्मीदवार बनाएगी, पैराशूट से आने वालों को उम्मीदवार नहीं बनाया जाएगा.
ये भी पढ़ें- अब शिवपाल संग अपर्णा यादव ने साझा किया मंच, कही ये बड़ी बात
राहुल गांधी के बयान के ठीक उलट कमलनाथ का बयान आया है. सवाल उठ रहे हैं कि क्या राज्य की कांग्रेस राहुल गांधी के निर्देशों का भी पालन करने को तैयार नहीं है?
बीते दिनों दिल्ली में उम्मीदवारों को लेकर हुई बैठक हुई. इस बैठक में नेताओं के बीच तीखी नोक-झोंक होने की खबरें आई हैं, यही कारण है कि उम्मीदवारों की पहली सूची 12 अक्टूबर को जारी होनी थी, जिसे रोक दिया गया है. एक तरफ पार्टी में तनातनी चल रही है तो दूसरी ओर कमलनाथ ने पार्टी के भीतर ही विरोध के स्वर उपजाने वाला बयान दे डाला है.
भाजपा के सांसद आलोक संजर कहते हैं कि कमलनाथ का बयान इस बात का संकेत है कि कांग्रेस के पास उम्मीदवार नहीं है, पार्टी बहुत कमजोर हो गई है, तभी तो वे भाजपा की ओर देख रहे हैं.
राजनीति के जानकार कहते हैं कि राज्य में इस बार चुनाव सत्ताधारी दल भाजपा और विपक्षी दल कांग्रेस के लिए आसान नहीं है. आगामी चुनाव उम्मीदवार आधारित होने वाला है, कांग्रेस के नेता कई वर्षो से अपनी उम्मीदवारी की तैयारी में लगे हैं, मगर कमलनाथ के इस बयान ने उन नेताओं को निराश करने का काम किया है जो राहुल गांधी के बयान से खुष थे, मगर कमलनाथ ने राहुल के ठीक उलट बयान देकर पार्टी के भीतर ही विरोधी स्वरों को जन्म देने का काम किया है.
ये भी पढ़ें- लखनऊ में ‘मौलाना’ का ड्रामा, सीएम योगी के दफ्तर के बाहर पढ़ी नमाज
कमलनाथ को भाजपा उद्योगपति और व्यापारी प्रचारित कर रही है, वहीं कमलनाथ ने भाजपा से बगावत कर कांग्रेस में आने वाले चुनाव जीतने मे सक्षम लोगों को उम्मीदवार बनाने की बात कहकर भाजपा के आरोपों पर मुहर लगाने का काम किया है. कमलनाथ के बयान का आशय यही निकाला जा रहा है कि उनके लिए विचारधारा, त्याग व समर्पण नहीं, बल्कि जीत मायने रखती है.