BY- विश्वजीत भट्टाचार्य
नई दिल्ली। अपने अंतिम ब्रह्मास्त्र प्रियंका गांधी को लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने 80 सीटों वाले यूपी से सियासी मैदान में उतारने का ऐलान कर दिया है। लेकिन इसके साथ ही एक सवाल और एक आशंका भी कांग्रेस के सामने खड़ी हो गई है।
राहुल की क्षमता पर सवाल
कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद से ही राहुल गांधी काफी आक्रामक हो गए हैं। हाल ही में उनकी आक्रामकता ने कांग्रेस को राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में जोरदार जीत भी दिलाई। फिर सवाल यह है कि कांग्रेस को यूपी में राहुल पर भरोसा क्यों नहीं है। क्या 2017 के विधानसभा चुनाव में राहुल की यूपी में हुई फजीहत को वो भुला नहीं सकी और उनपर भरोसा नहीं कर पा रही है ? अगर ऐसा नहीं, तो प्रियंका को मैदान में उतारकर पूर्वी यूपी की 23 लोकसभा सीटों का जिम्मा क्यों दिया गया ?
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कांग्रेस के सामने आशंका भी बड़ी
अब जबकि कांग्रेस ने प्रियंका के रूप में अपना आखिरी ब्रह्मास्त्र छोड़ दिया है, तो यह आशंका भी पार्टी के सामने है कि अगर प्रियंका रूपी यह सबसे बड़ा उसका अस्त्र फेल हो गया तो वो कहीं की नहीं रहेगी।
प्रियंका भी रही हैं फेल
रायबरेली और अमेठी में विधानसभा की 10 सीटें हैं। हर चुनाव में प्रियंका अपनी मां सोनिया और भाई राहुल के लिए प्रचार करती हैं, लेकिन इन 10 विधानसभा सीटों के चुनाव में उनका करिश्मा फेल होता रहा है। 2012 और 2017 विधानसभा चुनावों के नतीजे यही साबित करते हैं।
साल 2012 में 10 में से 8 सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार हारे थे। जबकि 2017 में 10 में से 6 सीटें बीजेपी, 2 सपा के खाते में गईं थीं। कांग्रेस को 2 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था। यानी प्रियंका फैक्टर विधानसभा चुनावों में रायबरेली और अमेठी में गांधी परिवार के गढ़ में भी फेल रहा था।