राजसत्ता एक्सप्रेस। आखिरकार अब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी मान लिया है कि वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान देश की जीडीपी (GDP) में ग्रोथ नेगेटिव रहेगी। यानी सकल घरेलू उत्पाद में गिरावट दर्ज की जाएगी। कोरोना संकट और लॉकडाउन के चलते पहले ही कई रेटिंग एजेंसियां इसका आकलन कर चुकी हैं। अब आरबीआई ने भी GDP ग्रोथ निगेटिव रहने का अनुमान जता दिया है।
रेपो रेट में कटौती
शुक्रवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिदांस दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में रेपो रेट में कटौती के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि अपनी तीन दिन की बैठक में मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी ने रेपो रेट में 0.4 फीसदी की कटौती का निर्णय लिया है। जिसके बाद अब रेपो रेट 4.5 फीसदी से घटकर 4 फीसदी पर आ गया है। बता दें कि रेपो रेट घटाने से बैंकों को आरबीआई से कम ब्याज पर कर्ज मिल सकेगा और इसका फायदा बैंक अपने ग्राहकों को दे सकेगा। इससे ग्राहकों की ईएमआई भी कम हो सकती है।
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ग्राहक तीन महीने और टाल सकेंगे ईएमआई
इसके अलावा RBI ने 3 महीने के लिए लोन मोराटोरियम (ऋण स्थगन) को आगे बढ़ाते हुए इसकी अवधि 31 अगस्त तक कर दी है। जिसके मतलब है कि अब ग्राहक तीन महीने के लिए अपने लोन की ईएमआई को और टाल सकते हैं। हालांकि, इसे बैंकों के लिए निराशाजनक कहा जा रहा है, क्योंकि अब बैंक को अपने ग्राहकों को तीन महीने और लोन की ईएमआई टालने का विकल्प देना होगा। बता दें कि इससे पहले मार्च में ग्राहकों को तीन महीने के लिए ये सुविधा दी गई थी, लेकिन अब इसे बढ़कर अगस्त कर दिया गया है। यानी अगर आप अगस्त तक लोन की ईएमआई नहीं दे पाएंगे, तो भी आपका लोन डिफॉल्ट केटेगरी में नहीं आएगा।
सीमेंट उत्पादन में गिरावट, खेती के लिए अच्छी खबर
इसके अलावा शक्तिदांस दास ने ने बताया कि कोरोना संकट काल के बीच पिछले कुछ समय में सीमेंट उत्पादन में गिरावट देखी गई है। वहीं, देश के 6 बड़े राज्यों में औद्योगिक उत्पादन में भी गिरावट देखी गई है। हालांकि, खेती के लिए ये साल अच्छा है। अनाज उत्पादन 3.7 फीसदी बढ़ा है। इस साल अच्छे मानसून की भी उम्मीद जताई जा रही है। इससे अनाज उत्पादन में और बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।