चंडीगढ़: पंजाब सरकार के ” खफा-खफा ” नवजोत सिंह सिद्धू को अपनी ही पार्टी कांग्रेस से झटके -दर -झटके लग रहे है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के करीबी माने जाते और पार्टी के मुख्य स्टार प्रचारक सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर को तो बार -बार निवेदन के बावजूद कांग्रेस में लोक सभा का टिकट नहीं दिया , परन्तु उनके ओ.एस.डी. रहे डा.अमर सिंह को पार्टी ने पंजाब के फतेहगढ़ साहिब से टिकट दे दिया है। एक बार फिर से सिद्धू के करीबियों में निराशा का आलम पनप गया है , क्योंकि जिस ओ.एस.डी.को सिद्धू ने अपनी पत्नी के कहने पर इस पद से हटा दिया था , उसे अब कांग्रेस ने आँखों पर बिठा लिया है।
दिलचस्प बात ये भी है कि सिद्धू के ट्विटर में उनके साथ राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी वाड्रा का चित्र (डी पी) अब भी उनके करीबी होने का प्रभाव दे रहा है। पांच माह पूर्व पांच राज्यों के चुनावों में नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस के लिए तोप का गोला था , जिसे कांग्रेस ने जी भर कर भाजपा के खिलाफ चलाया। राहुल गाँधी के साथ सट कर बैठने वाले सिद्धू के तेवर भी उन दिनों काफी ऊंचे हो गए थे। अपने ही मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के विरुद्ध टिप्पणियों को लेकर भी सिद्धू चर्चा में रहे। परन्तु भ्रम बना रहा कि वे राहुल गाँधी के सलाहकारों में एक है। परन्तु 7 मार्च को मोगा में पंजाब सरकार द्वारा आयोजित रैली में आये राहुल गाँधी की सिद्धू के साथ बदली नज़रों से न सिर्फ सिद्धू निराश हए बल्कि पूरे मीडिया में चर्चा का विषय बन गए।
चंडीगढ़ से सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर लोक सभा टिकट की मजबूत दावेदार मानी जा रही थी , परन्तु पार्टी ने उनकी दावेदारी को काट दिया और पवन बंसल को टिकट दे दिया। नवजोत कौर का ऐसा भी दावा था कि कांग्रेस उन्हें अमृतसर की टिकट देने को तैयार थी , परन्तु वे तो सिर्फ चंडीगढ़ से टिकट की दिलचस्पी रखती थी। इसी दौरान नवजोत कौर को अन्य स्थानों से कांग्रेस की टिकट की बातों के विरुद्ध भी सिद्धू की बयानबाज़ी हुई। अभी सिद्धू परिवार इन झटकों से उबरा भी न था कि कांग्रेस ने उन्हें एक और झटका दे दिया। कांग्रेस ने मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के ओएसडी रहे सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अमर सिंह को फतेहगढ़ साहिब से टिकट दी है।
राजनीतिक गलियारे में चर्चा यह है कि नवजोत सिंह सिद्धू अपनी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू को टिकट नहीं दिलवा सके, जबकि वे खुद को राहुल गांधी के सबसे करीबी बताते हैं। दिलचस्प बात ये भी है कि स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने ओएसडी अमर सिंह को कुछ विवादों के कारण पद से हटा दिया था। उसके बाद अमर सिंह की जगह अपनी ही पत्नी नवजोत कौर सिद्धू को ओएसडी बना दिया था।