लालू परिवार के ‘कृष्ण’ और ‘अर्जुन’ में क्यों पड़ी फूट? यहां समझें

बिहार की राजनीति के दिग्गज माने जाने वाले लालू प्रसाद यादव इन दिनों राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और अपने परिवार से दूर चारा घोटाले मामले में सजा काट रहे हैं. इस बीच चुनाव 2019 की सियासी महाभारत में लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने सोमवार को छोटे भाई तेजस्वी यादव के करीबी नेताओं पर आरोप लगाते हुए खुद को आरजेडी से अलग कर लिया है और ‘लालू-राबड़ी मोर्चा’ बनाने की बात कही है. तेजप्रताप पिछले कुछ महीनों से अपनी पत्नि ऐश्वर्या से भी अलग रह रहे हैं. दोनों के तलाक का केस कोर्ट में चल रहा है.

तेजप्रताप यादव

बता दें, तेजप्रताप यादव लोकसभा चुनाव के लिए टिकटों के वितरण में अपनी न चल पाने से गुस्साए हुए हैं. इसकी हालिया सबसे बड़ी वजह है जहानाबाद और शिवहर की लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों का नाम. दरअसल, तेजप्रताप को अपना अर्जुन बताने वाले तेजस्वी यादव ने जहानाबाद से उम्मीदवार का ऐलान कर दिया. जबकि तेजप्रताप अपने दो समर्थक नेताओं के लिए यहां से टिकट चाहते थे. इसलिए उन्होंने बागी रुख अपनाते हुए सबसे पहले तो शुक्रवार को छात्र राजद के संरक्षक पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद नई पार्टी बनाने और दोनों सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान कर दिया.

बहरहाल, सियासत की इस लड़ाई में अबतक 5 ऐसे नेताओं के नाम सामने आए हैं जिनके चलते तेजप्रताप परिवार और पार्टी से नाराज होते चले गए. तो आइए जानते हैं…

  1. तेजप्रताप यादव ने शुक्रवार को ऐलान किया कि वह जहानाबाद और शिवहर से अपना उम्मीदवार खड़ा करेंगे. और जहानाबाद से उनके प्रत्याशी चंद्र प्रकाश होंगे. जबकि जहानाबाद से आरजेडी के आधिकारिक उम्मीदवार सुरेंद्र प्रसाद यादव (पूर्व आरजेडी सांसद) हैं. तेजप्रताप और चंद्र प्रकाश अच्छे दोस्त हैं. लेकिन अगर चंद्र प्रकाश इस सीट से उतरे तो आरजेडी को काफी नुकसान हो सकता है.
  2. इसके अलावा तेजप्रताप शिवहर से अंगेश सिंह को अपना उम्मीदवार बनाना चाहते हैं. लेकिन इस सीट से आरजेडी के विधायक अबु दोजाना चुनाव लड़ने पर अड़े हुए हैं. इसी सीट से अंबेश दावेदार थे. ऐसे में गुस्साए तेजप्रताप ने अंगेश सिंह को अपने मोर्चे का उम्मीदवार घोषित कर दिया है. हालांकि तेजस्वी यादव ने इस सीट से अपने उम्मीदवार की घोषणा अबतक नहीं की है.
  3. इसी तरह तेजप्रताप की नाराजगी का तीसरा बड़ा कारण है चंद्रिका राय. चंद्रिका राय तेज प्रताप के ससुर हैं और सारण की परसा विधानसभा सीट से पार्टी विधायक. ऐसे में पत्नि ऐश्वर्या से चल रहे तलाक मामले में तेजप्रताप को यह बिल्कुल मंजूर नहीं हैं कि पार्टी चंद्रिका राय को टिकट दे. लेकिन शुक्रवार को तेजस्वी ने जो लिस्ट जारी की उसमें चंद्रिका राय को सारण सीट से उतारने का ऐलान किया गया है. जिसका कटाक्ष करते हुए तेजप्रताप ने ऐलान किया कि सारणा लोकसभा सीट लालूजी की पुश्तैनी सीट रही है. इसलिए वहां से उनकी माताजी राबड़ी देवी मैदान में उतरें. अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह खुद वहां से निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं.
  4. लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव पिछले साल जून से ही पार्टी में प्रतिष्ठा पाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. उस समय उनकी नाराजगी राजेंद्र पासवान को लेकर थी. तेजप्रताप राजेंद्र पासवान को आरजेडी का प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहते थे. लेकिन विवाद खत्म करने के लिए तेजस्वी ने राजेंद्र पासवान को प्रदेश महासचिव बना दिया था.
  5. तेजप्रताप कई बार खुले तौर पर कह चुके हैं कि कुछ खास नेताओं के इशारे पर पार्टी की तरफ से उनके लिए अनदेखी हो रही है. इस दौरान उनका निशाना आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे पर रहा है. यहां तक कि तेजप्रताप रामचंद्रे पूर्वे को चेतावनी तक दे चुके हैं और लालू से शिकायत भी की थी. तेजप्रताप ने शुक्रवार को छात्र राजद के संरक्षक पद से इस्तीफा देते हुए कहा था कि उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव के आसपास कुछ गलत लोग आ गए हैं. इस दौरान उन्होंने एक ट्वीट भी किया था और लिखा था, ‘नादान हैं वो लोग जो मुझे नादान समझते हैं. कौन कितना पानी में है सबकी है खबर मुझे.’

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