नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने SC/ST आरक्षण से जुड़े मामले में गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा है कि एक राज्य में एससी/एसटी आरक्षण के तहत लाभ पाने वाला व्यक्ति किसी दूसरे राज्य में सरकारी नौकरी में आरक्षण का लाभ नहीं ले सकेगा. जबतक कि वहां पर उसकी जाति सूचिबद्ध न हो. यानि कि SC/ST आरक्षण में लाभ एक राज्य में ही ले सकेंगे. इसके साथ ही दिल्ली में सरकारी नौकरी करने वालों के लिए अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति से संबंधित आरक्षण केंद्रीय सूची के हिसाब दिया जाएगा.
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सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा कि, ‘एक राज्य के अनुसूचित जाति और जनजाति को दूसरे राज्य के नौकरी में इस जाति को मिलने वाले आरक्षण नहीं मिलेगा. राज्य सरकार अनुसूचित जाति-जनजाति की लिस्ट में खुद से बदलाव नहीं कर सकती बल्कि यह राष्ट्र्पति के अधिकार के दायरे में है. राज्य सरकार संसद की अनुमति से ही लिस्ट में बदलाव कर सकता है।’
अदालत ने इस बाद को साफ किया कि, SC/ST को आरक्षण का लाभ एक राज्य या फिर केन्द्र शासित प्रदेश की सीमा तक ही मिलेगा. सुप्रीम कोर्ट के सामने बड़ा सवाल था कि एक राज्य का अनुसूचित जाति का व्यक्ति दूसरे राज्य में अनुसूचित जाति में मिलने वाले आरक्षण के लाभ को ले सकता है या नहीं ? हालांकि अदालत ने यह भी कहा कि, दिल्ली में अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए अखिल भारत स्तर पर आरक्षण का नियम विचार करने योग्य होगा.