उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के बाद बिहार राज्य सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों के साथ चौथा राज्य है. ऐसे में यूपी में गठबंधन होने के बाद सबकी नजरें बिहार की राजनीति पर टिकी हुई है. हालांकि, फिलहाल खबरें आ रही है कि आरजेडी के तीन नेता कांग्रेस से लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. जिसके बाद आरजेडी ने कांग्रेस हाईकमान से अपनी नाराजगी जाहिर की है.
सीट शेयरिंग में फंसा पेंच-
आरजेडी और कांग्रेस में पहली ही सीट शेयरिंग को लेकर पेंच फंसा हुआ था, ऐसे में आरजेडी की नाराजगी कांग्रेस को भारी पड़ सकती है, क्योंकि यूपी में पहले से ही मायावती-अखिलेश यादव, कांग्रेस को गठबंधन से बाहर कर चुके हैं. सूत्रों की मानें तो अब बिहार में आरजेडी भी कांग्रेस की ज्यादा सीटों की मांग को स्वीकार करने के पक्ष में नहीं दिखाई दे रही है
कांग्रेस से नाराज़ आरजेडी-
कांग्रेस मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में जीत करने के बाद बिहार में अपने आप को मजबूत करना चाह रही है. इसीलिए सहयोगी पार्टी आरजेडी की नाराजगी उनको महंगी पड़ सकती है. एक रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में सीट बंटवारे को लेकर पहले से ही रस्साकशी चल रही थी अब खबरें आई कि आरजेडी के पप्पू यादव, लवली आनंद और अनंत सिंह कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. आरजेडी ने भी कांग्रेस को अपनी नाराजगी से अवगत करा दिया.
केंद्र से बीजेपी को हटाने के लिए विपक्षी दल खुद को तैयार करने में जुटे हुए हैं. 2014 लोकसभा चुनावों में बीजेपी को बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 22 सीट हासिल हुई थी. अब अगर बिहार में आरजेडी भी कांग्रेस का दामन छोड़ देती है तो कांग्रेस को बिहार में मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है.
गौरतलब है कि तेजस्वी यादव ने हाल ही में मायावती-अखिलेश यादव से मुलाकात की थी और गठबंधन का समर्थन किया था. उन्होंने सपा-बसपा महागठबंधन को समर्थन देकर केवल यह संदेश देने की कोशिश की है कि कांग्रेस को बिहार में बहुत ज्यादा सीटों की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए. दोनों पार्टियों में तनाव सुलझाने के लिए ही सोमवार को बिहार कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने सोमवार को तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी.
आरजेडी से मसला सुलझाने में लगी कांग्रेस-
इस मुद्दे पर कांग्रेस, आरजेडी से विवाद को सुलझाने में लगी हुई है. तेजस्वी यादव से मुलाकात के बाद गोहिल ने कहा कि दोनों दलों में कोई भी तनाव नहीं है. हम आरजेडी से सलाह लेने के बाद ही तीनों नेताओं का फैसला लेंगे, हम अपनी सहयोगी से पार्टी से इस बारे में चर्चा करेंगे. कांग्रेस ने साफ किया कि गठबंधन के सबी घटक दलों में बहुत अच्छी बातचीत है और किसी भी दल में कोई तनाव नहीं है. हम गठबंधन में बिहार की सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. हमारा फोकस महागठबंधन को बिहार की ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल कराने पर है.