यूपी में बीजेपी 2014 वाला रिकॉर्ड दोहराने को बेताब है। इसीलिए एक बार फिर 2019 लोकसभा चुनाव (2019 LokSabha Elections) से चंद माह पहले यूपी सरकार (UP Government) आरक्षण का कार्ड खेला है। कुछ दिन पहले जहां पिछड़े और दलितों के आरक्षण में बंटवारा करने की रिपोर्ट पर विचार शुरु किया है।
वहीं अब प्रदेश के सिख जाट (Sikh jats) और मुस्लिम जाट (Muslim Jats) को लुभाने को आरक्षण (Reservation) देने की तैयारी है।
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मुस्लिम जाट, सिखों के बनेंगे जाति प्रमाण पत्र
यूपी में अब तक प्रदेश में सिर्फ जाटों को अन्य पिछड़ा वर्ग में आरक्षण का लाभ मिलता था। पर अब यूपी के मूल निवासी मुस्लिम और सिख जाटों को भी ओबीसी कैटेगरी में आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। सरकार ने इसके लिए बकायदा पिछड़ा वर्ग कल्याण निदेशक से शासनादेश में सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को जारी कर दिया है। जिसके तहत ओबीसी के सभी लोगों को जाति प्रमाण जारी करने का लिखित निर्देश दिया है।
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मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को दिया गया आदेश
आरक्षण की नई नीति के बारे में अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने रामपुर प्रेस वार्ता करते हुए दी।औलख ने पांच दिसंबर को जारी शासनादेश की कॉपी देते हुए जानकारी दी। औलख ने कहा कि नए प्रावधान के मुताबिक प्रदेश के सिख और मुस्लिम जाटों को ओबीसी का लाभ मिलने लगेगा। यूपी में लाखों सिख और मुस्लिम जाट रहते हैं, साल 1999-2000 से जाटों की तरह ही पिछड़ी जाति के आरक्षण के लाभ के लिए मांग कर रहे थे। जिसे अब यूपी की योगी सरकार ने मान लिया है, और बकायदा आदेश जारी कर दिया है।
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40 लाख लोगों को मिलेगा लाभ
यूपी में एक आंकड़े के मुताबिक करीब 38 से 40 लाख सिख एवं मुस्लिम जाट हैं। जिन्हें अब ओबीसी का लाभ मिलेगा।राज्यमंत्री अल्पसंख्यक कल्याण बलदेव सिंह औलख के मुताबिक, सिख और मुस्लिम जाटों को चुनाव से लेकर नौकरी तक में ओबीसी कैटेगरी को मिलने वाली सभी सहूलियतों का लाभ अब मिलेगा। इसके लिए लंबे समय से हम लोग प्रयास कर रहे थे, जिसे मुख्यमंत्री जी ने मंजूरी दे दी है। जिसकी कॉपी सभी के सामने है।