उत्तराखंड सीएम रावत ने एनआईटी श्रीनगर की शिफ्टिंग को लेकर दिया बड़ा बयान

UTTRAKHAND NIT SRINAGAR
UTTRAKHAND NIT SRINAGAR

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने श्रीनगर से एनआईटी शिफ्ट होने की बात पर विराम लगा दिया गया है. सीएम रावत ने इस बात से साफ तौर पर इंकार कर दिया है. उन्होंने कहा की, एनआईटी को शिफ्ट नहीं किया जाएगा, बल्कि इसके लिए जल्द ही स्थाई कैंपस बनवाने की बात भी कही है.

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने की प्रकाश जावड़ेकर से बात

इस मामले में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से टेलीफोन पर बात की और कहा कि एनआइटी शिफ्ट करने की जगह संस्थान को स्थायी कैंपस बनाया जाए और छात्रों के हास्टल की समस्या का भी स्थायी समाधान निकाला जाए.

कैंपस की भूमि को लेकर उठे सवालों पर उन्होंने कहा कि संस्थान को इस बारे में रिपोर्ट देनी है, लेकिन अभी तक कोई भी रिपोर्ट नही मिली है. सीएम ने यह भी कहा कि छात्रों की अन्य समस्याओं के समाधान के लिए भी रास्ता तलाशा जा रहा है.

सांसद अनिल बलूनी की केंद्रीय मंत्री से मुलाकात

इस मसले पर सांसद अनिल बलूनी ने भी केंद्रीय मंत्री ने मुलाकात करके एनआईटी को श्रीनगर गढ़वाल से शिफ्ट न करने की मांग की. फिलहाल स्थायी कैंपस बनने तक श्रीनगर में ही प्रशासनिक और संकाय भवन तक पहुंचने के लिए छात्रों के लिए अलग से मार्ग बनाया जाएगा. इससे छात्रों को राष्ट्रीय राजमार्ग से नहीं गुजरना पड़ेगा.

एनआईटी के रजिस्ट्रार पर होगी कार्रवाई

एनआईटी विवाद में सरकार ने रजिस्ट्रार के काम काज पर भी नाराजगी जताई है. सूत्रों के अनुसार आने वाले दिनों में रजिस्ट्रार पर भी कार्रवाई हो सकती है. वहीं सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि एनआईटी को लेकर की जा रही राजनीति बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है. किसी भी स्थिति में संस्थान श्रीनगर से शिफ्ट किया जाएगा. इस संबंध में मेरी केंद्रीय मंत्री से बातचीत हो गई है.

एनआईटी शिफ्टिंग की तैयारी पर बवाल

एनआईटी शिफ्टिंग के विरोध में कांग्रेस ने एनआईटी प्रशासनिक भवन गेट के सामने एक दिवसीय धरना दिया. वहीं छात्र संगठन आर्यन ने बिड़ला परिसर गेट के सामने सरकार का पुतला फूंककर विरोध प्रदर्शन किया और सरकार पर पहाड़ की उपेक्षा का आरोप लगाया.

Previous articleमोदी का कांग्रेस पर हमला, बोले नेहरू की वजह से नहीं बना पीएम
Next article“धान के कटोरे” में दुर्दशाग्रस्त किसानों की सोचने वाला कोई नहीं !