हिंदूओं के पवित्र एवं पावन तीर्थस्थल और चारधामों में से एक बद्रीनाथ धाम के कपाट आज दोपहर बाद से बंद कर दिए जाएंगे। कपाट दोपहर 3.35 बजे पूरे विधि-विधान के साथ बंद किया जाएगा तथा पूरे शीतकाल में बंद रहेगा। कपाट बंद होने से पहले भगवान को माणा की बालिकाओं द्वारा बुना गया ऊन का कम्बल भी प्रदान किया जाएगा । यह कम्बल प्रभु के विग्रह पर अर्पित किया जाएगा ।
आपको बता दें कि कपाट बंद होने से पहले मंदिर में पंच पूजाएं करने की परंपरा रही है। इन पंच पूजाओं का आरंभ मंगलवार से प्रारंभ कर दिया गया था । ये पंच पूजाएं पूरा होने के बाद शनिवार यानी आज 19 दोपहर 3.35 बजे पूरे विधि-विधान का पालन करते हुए मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। इन कपाटों को आगामी वर्ष ग्रीष्म काल के प्रारंभ में खोला जाएगा। तब तक श्रद्धालु जोशी मठ में स्थापित भगवान की मूर्ति के दर्शन कर सकेंगे।
बद्रीनाथ के कपाट बंद करने की प्रक्रिया मंगलवार से शुरू कर दी गई थी। सबसे पूर्व भगवान गणेश जी के मंदिर के कपाट बंद किए गए। इसके पश्चात 17 नवंबर 2022 को खड़ग पुस्तक की पूजा की गई। इसके पश्चात अगले दिन 18 नवंबर को मां लक्ष्मी का आह्वान कर उनसे विष्णु जी के साथ विराजने की विनती की गई। कपाट खुलने के पश्चात लक्ष्मी जी को पुनः उनके मंदिर में (जो कि बद्रीनाथ धाम के पास में ही है) स्थापित कर वहीं पर उनकी पूजा – पाठ की जाएगी। इसके पश्चात आज 19 नवंबर को बद्रीनाथ घाम के कपाट बंद हो जाएंगे।