VHP का बयान- कोई अदालत नहीं करेगी तय कि प्रभु राम अयोध्या में जन्मे थे या नहीं

विश्व हिंदू परिषद एक बार फिर अयोध्या विवाद को लेकर देरी से हो रही सुनवाई पर मोदी सरकार से खफा नजर आई है. मोदी सरकार पर दबाव बढ़ाते हुए वीएचपी ने अपनी मांग को दोबारा दोहराया है और कहा कि कोई भी अदालत ये तय नहीं कर सकती कि प्रभु राम अयोध्या में जन्मे थे या नहीं.

जल्द कानून लाए सरकार

वीएचपी ने फिर से मांग की है कि अयोध्या मसले पर जल्द ही कानून बनाकर भव्य राम मंदिर बनाया जाए. VHP के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे ने कहा कि धार्मिक आस्था के मामले न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते हैं. अदालत तो कानूनों के मुताबिक चलती है. लिहाजा हम चाहते हैं कि सरकार जल्द कानून बनाएं और अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनवाए. उन्होंने कहा कि कोई अदालत ये तय नहीं कर सकती कि प्रभु राम अयोध्या में जन्मे थे या नहीं.

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आगामी रणनीति होगी तैयार

कोकजे ने कहा कि वीएचपी को लगता है कि इस विवाद का समाधान जल्दी नहीं हो सकेगा और मामला सुप्रीम कोर्ट में उसी तरह टलता रहेगा जैसे अब तक टलता आया है. कोकजे ने जानकारी दी कि प्रयागराज कुंभ के दौरान 31 जनवरी और एक फरवरी को आयोजित “धर्म संसद” में VHP साधु-संतों के साथ राम मंदिर मामले में विचार-विमर्श करेगी और आगामी रणनीति को तय किया जाएगा.

कांग्रेस पर लगाए आरोप

कोकजे ने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया कि कांग्रेस अपनी पुरानी राजनीति पर काम कर रही है और वोट बैंक के कारण राम मंदिर मुद्दे पर बाधा पैदा कर रही है. वहीं, हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल ने कहा कि मुसलमान भी अयोध्या विवाद सुलझाना चाहते हैं. उन्होंने भी कहा कि कांग्रेस पार्टी राम मंदिर बनने में रुकावट पैदा कर रही है और नए नए हथकंडे अपनाकर मामले को लंबा खींचना चाहती है.

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