नई दिल्ली, राजसत्ता एक्सप्रेस। कोरोना महामारी से पुरी दुनिया त्रस्त है। इस वायरस को खत्म करने के लिए अब तक कोई वैक्सीन या दवा नहीं बन सकी है। लंबे समय से चल रही बंदी के चलते अर्थव्यवस्था का भी बुरा हाल है। अर्थव्यवस्था को संभालन के लिए पूरी दुनिया अब लॉकडाउन खोलने पर विचार कर रही है। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी ने चेतावनी देते हुए कहा है कि COVID-19 हमारे आस-पास लंबे समय तक रह सकता है। यह भी हो सकता है कि यह कभी ना जाए। विश्व स्वास्थ्य संगठन चेतावनी दी कि संभव है कि कोरोना वायरस हमारे साथ ही रहे। एक प्रेस ब्रीफिंग में डॉक्टर माइकल रेयान ने कहा, ‘हो सकता है कि यह वायरस कभी दूर ना जाए’। उन्होंने कहा कि वैक्सीन के बिना पर्याप्त मात्रा में इम्यूनिटी बढ़ाने में लोगों को कई साल लग सकते हैं।
बीमारी कब खत्म होगी, कोई ठिकाना नहीं
डॉक्टर रेयान ने कहा, ‘मुझे लगता है कि लोगों के सामने यह बात लाना जरूरी है। हो सकता है कि यह वायरस हमारे बीच एक और स्थानीय वायरस बन कर रह जाए, ठीक वैसे ही जैसे कि एचआईवी जैसे अन्य रोग जो कभी खत्म नहीं हो सके लेकिन इनके प्रभावी उपचार उपलब्ध हैं।’ डॉक्टर रेयान ने कहा, ‘हम एक वास्तविक दुनिया में जी रहे हैं और मुझे नहीं लगता कि कोई भी यह भविष्यवाणी कर सकता है कि यह बीमारी कब तक खत्म हो पाएगी। मुझे लगता है कि इस स्थिति में कोई भी वादा करना या वायरस खत्म होने की बात कहना सही नहीं होगा। यह बीमारी लंबी भी चल सकती है और नहीं भी’।
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वैक्सीन बनाने में नहीं मिली सफलता
उन्होंने कहा कि दुनिया ने काफी हद तक इस पर नियंत्रण करने की कोशिश की है लेकिन हमें अपने प्रयासों को और बढ़ाना होगा और कोरोना की वैक्सीन आने के बाद भी हमें यह कोशिशें जारी रखनी होंगी। कोरोना वारस पर अब तक 100 से भी ज्यादा वैक्सीन बनाए जा रहे हैं, कई के क्लीनिकल ट्रायल भी हो चुके हैं लेकिन अब भी विशेषज्ञों को कुछ सकारात्मक नतीजे नहीं मिल पाए हैं जो कोरोना के असर को खत्म कर सकें। रेयान ने कहा कि खसरा जैसी बीमारी की वैक्सीन बनने के बाद भी इसे अब तक खत्म नहीं किया जा सका है। वहीं WHO के डायरेक्टर ने कहा कि ‘इस वायरस को खत्म करने की जिम्मेदारी हम सबकी है और इस महामारी को रोकने में हम सभी को अपना योगदान देना चाहिए।
हमें सावधान रहना पड़ेगा
पूरी दुनिया लॉकडाउन खोलने का विचार कर रही है लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना के नए मामलों को रोकने के लिए हमें बहुत सावधान रहना होगा। डॉक्टर रेयान ने कहा कि सीमाएं खोलने में उतना खतरा नहीं है जितना कि हवाई यात्राओं को शुरू करने में, जो कि एक अलग तरह की चुनौती हो सकती है। WHO की महामारी विशेषज्ञ मारिया वान केरखोव ने ब्रीफिंग में कहा, ‘हमें अपने दिमाग में यह बिठा लेना चाहिए कि इस महामारी से बाहर निकलने में अभी कुछ और समय लगेगा।’
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