दस साल में 27 करोड़ भारतीय गरीबी रेखा से बाहर निकले, यूएन की रिपोर्ट

नई दिल्ली: वित्त वर्ष 2005-06 से 2015-16 के बीच के एक दशक में भारत में 27 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकल गए हैं, जो एक आशाजनक संकेत है कि गरीबी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई जीती जा सकती है. संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की ‘2018 बहुआयामी वैश्विक गरीबी सूचकांक’ से यह जानकारी मिली है.

2018 बहुआयामी वैश्विक गरीबी सूचकांक (एमपीआई) रिपोर्ट को संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) और ऑक्सफोर्ड गरीबी और मानव विकास पहल (ओपीएचआई) द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किया गया है.

ये भी पढ़ें-  राम मंदिर के शीघ्र निर्माण से हिंदू-मुस्लिम के बीच तनाव होगा खत्मः मोहन भागवत

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनिया भर में 1.3 अरब लोग बहुआयामी गरीबी में जीवन बिता रहे हैं, जोकि एमपीआई में परिकलित किए गए 104 देशों की कुल आबादी का एक-चौथाई हिस्सा है.

रिपोर्ट में कहा गया कि बहुआयामी गरीबी में जीवन बिता रहे 1.3 अरब लोगों में करीब आधे (46 फीसदी) लोग घोर गरीबी का सामना कर रहे हैं. भारत में दस बरसों की अवधि में गरीब लोगों की संख्या घटकर आधी रह गई है, जोकि 55 फीसदी से घटकर 28 फीसदी हो गई है.

रिपोर्ट में कहा गया कि वित्त वर्ष 2005-06 से 2015-16 के बीच के एक दशक में भारत में 27 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकल गए हैं, जोकि आशाजनक संकेत है कि दुनिया से गरीबी मिटाई जा सकती है.

ये भी पढ़ें- दीन दयाल उपाध्याय मर्डर मिस्ट्री: मधोक ने अटल बिहारी पर लगाया था हत्या का आरोप

यूएनडीपी के प्रबन्धक अचीम स्टेनर ने कहा, “हालांकि गरीबी का स्तर, खासतौर से बच्चों में स्तब्ध कर देनेवाला है, इसलिए इससे निपटने के प्रयासों में तेजी लाने की जरूरत है. साल 1900 के बाद से भारत ही नहीं बल्कि दक्षिण एशिया के अन्य देशों में लोगों के जीवन जीने की प्रत्याशा 4 साल बढ़ी है और भारत में लोगों के जीवन जीने की प्रत्याशा 11 साल बढ़ी है. यह बहुआयामी गरीबी से सुधार के लिए अच्छा है.”

रिपोर्ट में कहा गया, “भारत में सबसे ज्यादा गरीबी चार दरिद्र राज्यों में है. हालांकि भारत भर में छिटपुट रूप से गरीबी मौजूद है, लेकिन बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में गरीबों की संख्या सर्वाधिक है. इन चारों दरिद्र राज्यों में पूरे भारत के आधे से ज्यादा गरीब रहते हैं, जोकि करीब 19.6 करोड़ की आबादी है.” रिपोर्ट में आगे कहा गया कि दिल्ली, केरल और गोवा में गरीबों की संख्या सबसे कम है.

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles