भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की मोदी की गारंटी, मुरादाबाद में गरजे गृहमंत्री अमित शाह

भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की मोदी की गारंटी, मुरादाबाद में गरजे गृहमंत्री अमित शाह

नई दिल्ली। पीएम मोदी ने पिछले 10 सालों में भारतीय अर्थव्यवस्था को दुनिया में 11वें स्थान से 5वें स्थान पर लाने का काम किया है। अगर आप भाजपा को वोट देते हैं तो, भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की ‘मोदी की गारंटी’ है। यह बातें आज गृहमंत्री अमित शाह ने यूपी के मुरादाबाद में आयोजित एक चुनावी जनसभा के दौरान कहीं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि खड़गे जी कहते हैं, राजस्थान और उत्तर प्रदेश वालों को कश्मीर से क्या लेना-देना। कांग्रेस की यही मानसिकता दर्शाती है कि उनके लिए देश बाद में परिवार पहले।

गृहमंत्री बोले, पिछले 10 सालों में, बीजेपी की सरकार ने न केवल राम मंदिर बनाया, बल्कि वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर, और उज्जैन में महाकाल लोक भी बनाया। हमारी सरकार में बद्रीनाथ धाम और केदारनाथ धाम का पुनर्विकास किया गया। सोमनाथ मंदिर का सौंदर्यीकरण किया गया। हमने भारत के सांस्कृतिक मूल्यों और विरासत की रक्षा और कायाकल्प करने के लिए काम किया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि खड़गे जी कहते हैं, राजस्थान और उत्तर प्रदेश वालों को कश्मीर से क्या लेना-देना। मैं इन्हें बताना चाहता हूं कि मुरादाबाद का बच्चा-बच्चा, कश्मीर के लिए अपनी जान देने के लिए तैयार है। 70 साल तक कांग्रेस धारा 370 को बच्चे की तरह अपनी गोद में खिलाती रही। आपने मोदी जी को दूसरी बार प्रधानमंत्री बनाया और मोदी जी ने धारा 370 को समाप्त कर दिया। आज हमारा तिरंगा शान से वहां लहरा रहा है।

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए अमित शाह ने कहा कि, 500 साल बाद इस रामनवमी पर श्री रामलला अपना जन्मोत्सव टेंट के बजाय भव्य मंदिर में मनाया जाएगा। विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सपा, बसपा और कांग्रेस तीनों ही हमेशा से राम मंदिर का विरोध करते रहे। पीएम मोदी ने मंदिर बनावाया और ‘प्राण प्रतिष्ठा’ की। जब विपक्षी पार्टियों को 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के लिए निमंत्रण भेजा गया था, तो उन्होंने आने से मना कर दिया क्योंकि उन्हें अपने वोट बैंक का डर है। विपक्षियों में राम मंदिर के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह में शामिल होने का नैतिक साहस नहीं था।

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