500 सवालों के बाद टूटा फौजी जीतू, SIT को बताया सुबोध को कैसे मारी गोली

बुलंदशहर हिंसा में एसटीएफ और एसआईटी ने जितेंद्र से गुनाह कबूल करवा लिया है. इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या के मामले में सेना के जवान जितेंद्र मलिक उर्फ जीतू फौजी को बीते दिनों सेना ने पुलिस को सौंपा था. जिसके बाद जांच टीमों ने लगातार उससे पूछताछ में जुटी थी.

सूत्रों के मुताबिक 10 घंटे से ज्यादा चली पूछताछ में जीतू ने अपना गुनाह कुबूल कर लिया है. वहीं सुमित को गोली मारने वाले के मामले में अभी तक एसआईटी और एसटीएफ को कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। सवाल ये भी है कि पोस्टमार्टम में दोनों के शरीर में एक ही बोर की गोली मिली थी।

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जीतू फौजी ने कबूला गुनाह

 22 राजपूताना राइफल्स का आरोपी जवान जितेंद्र जम्मू-कश्मीर के सोपोर में तैनात था. SIT और STF ने जितेंद्र से  करीब 500 सवाल पूछे, कुछ वीडियो भी घटना के दिखाए. जिसको देखने के बाद जीतू फौजी टूट गया. उससे जांच एजेंसियों के सामने इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या का गुनाह कुबूल कर लिया. जीतू के गुनाह कबूल करने के बाद SIT और STF को फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट का इंतज़ार कर रही है.

पुलिस को है इनकी गिरफ्तारी का इंतजार

अब पुलिस को हिंसा का मास्टरमाइंड और बजरंग दल का नेता योगेश राज की गिरफ्तारी का इंतजार है. जो हिंसा के बाद से फरार चल रहा है. वही उसका दूसरा साथी बीजेपी नेता शिखर अग्रवाल भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.

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ये था मामला

थाना कोतवाली क्षेत्र के गांव महाव के जंगल में रविवार की रात कुछ अज्ञात लोगों ने कथित तौर पर लगभग 25 से 30 गोवंश काट डाले थे, जिसके बाद ये बात पता चलते ही लोगों में आक्रोश फैल गया. वहीं गुस्साए लोगों ने घटनास्थल से कथित तौर पर काटे गए गोवंश के अवशेषों को ट्रैक्टर ट्रॉली में भरा और सोमवार सुबह चिंगरावठी पुलिस चौकी पहुंचे. वहीं गुस्साई भीड़ ने बुलंदशहर-गढ़ स्टेट हाईवे पर ट्रैक्टर ट्रॉली लगाकर रास्ता जाम कर दिया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी.

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इंस्पेक्टर समेत दो की हुई थी मौत

वहीं सूचना मिलते ही एसडीएम अविनाश कुमार मौर्य और सीओ एसपी शर्मा पहुंचे, लेकिन गुस्साई भीड़ ने पुलिस पर ही पथराव करना शुरू कर दिया. इसके बाद पुलिस के कई वाहन फूंक दिए गए और चिंगरावठी पुलिस चौकी में आग लगा दी, जिसमें एसएचओ सुबोध कुमार और एक युवक सुमित की मौत हो गई थी.

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