रक्षा मंत्री ने सार्वजनिक किए दस्तावेज, फिर मांगा राहुल का इस्तीफा

राफेल डील पर सत्ता और विपक्ष की बहस लगातार जारी है. एक तरफ जहां राहुल गांधी ने ट्वीट कर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के इस्तीफे की मांग की थी. तो वहीं निर्मला सीतारमण ने भी ट्वीट का पलटवार करते हुए सबूत दिया. और फिर कहा कि अब राहुल या तो माफी मांगे या फिर इस्तीफा दें.

राहुल गांधी का आरोप

राहुल गांधी ने दावा किया था कि एचएएल को एक भी पैसा नहीं मिला है. और रविवार को एक अखबार की रिपोर्ट को ट्वीट किया था, और लिखा कि निर्मला सीतारमण संसद में झूठ बोल रही है. जब आप एक झूठ बोलते हैं तो उस झूठ को छिपाने के लिए आपको कई और भी झूठ बोलने पड़ते हैं.

राफेल पर प्रधानमंत्री के झूठ का बचाव करने की उत्सुकता में रक्षा मंत्री ने संसद से झूठ बोला. रक्षामंत्री (सीतारमण) को कल (सोमवार) संसद में वे दस्तावेज पेश करने चाहिए, जिससे साबित हो कि सरकार ने HAL को 1 लाख करोड़ रुपये के ठेके दिए हैं। या फिर वह इस्तीफा दें.

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निर्मला सीतारमण का पलटवार

इसके बाद निर्मला सीतारमण का भी ट्वीट आया और उन्होंने भी अखबार की रिपोर्ट को ट्वीट करते हुए लिखा कि राहुल गांधी को टाइम्स ऑफ इंडिया की उस रिपोर्ट को पूरा पढ़ना चाहिए, जिसका वह जिक्र कर रहे हैं. उन्होंने ट्वीट में TOI की रिपोर्ट के एक हिस्से का भी जिक्र किया जिसमें लिखा है, हालांकि, लोकसभा के रेकॉर्ड बताते हैं कि सीतारमण ने यह दावा नहीं किया कि ऑर्डरों पर दस्तखत हो चुके हैं. उन्होंने यह कहा कि उन पर काम चल रहा है.

माफी मांगे राहुल गांधी-सीतारमण

निर्मला सीतारमण ने पलटवार करते हुए कहा कि राहुल गांधी माफी मांगे. या फिर इस्तीफा दें. साथ ही उन्होंने कहा कि ये शर्मनाक है कि कांग्रेस अध्यक्ष देश को गुमराह कर रहे हैं. HAL ने 2014 से 2018 के बीच 26,570.0 करोड़ रुपये के सौदों पर दस्तखत किए और 73,000 करोड़ रुपये के कॉन्ट्रैक्ट्स पाइपलाइन में हैं.

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बताते चलें कि राफेल डील पर कांग्रेस का आरोप था, कि अपने साथी अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने के लिए मौजूदा सरकार ने ये डील एचएएल की बजाए अंबानी से की. और रक्षा क्षेत्र की सरकारी कंपनी एचएएल का इससे काफी नुकसान हुआ. और अपने कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए कंपनी वित्तीय संकट से जूझ रही है और उधार लेने पर मजबूर है. जबकि केंद्र सरकार का पक्ष है कि वह एचएएल को मजबूत कर रही है और लगातार कंपनी से रक्षा सौदे किए जा रहे हैं.

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