सरकार के खिलाफ साजिश करने वाले डॉ. मृत्युंजय फिर निलंबित, कभी भी हो सकती है गिरफ्तारी

Dr. Mrityunjai, who is plotting against the government, can be suspended again, anytime, arrest

उत्तराखंड सरकार के खिलाफ साजिश करने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरु हो गई है. रविवार को जहां पुलिस ने मुख्य आरोपी उमेश जे कुमार को गिरफ्तार किया था. वहीं सोमवार को साजिश में नाम आने के बाद सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए, आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. मृत्युंजय मिश्रा को निलंबित कर दिया. डॉ. मृत्युंजय का नाम साजिशकर्ताओं के रूप में नामजद किया गया था. मृत्युंजय का नाम उन दागी अफसरों रहा है जिनके खिलाफ कई मामलों में जांच पहले से लंबित है.

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उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से प्रदेश में अगर सबसे ज्यादा किसी अफसर ने सरकारों की किरकिरी कराई तो उनमें सबसे ऊपर मृत्युंजय मिश्रा का नाम आता है. मृत्युंजय का नाम अब जबकि सरकार के खिलाफ साजिश करने वालों में खुलकर सामने आ गया है. ऐसे में किसी भी वक्त उनकी गिरफ्तारी हो सकती है. मृत्युंजय के खिलाफ पहले से ही विजिलेंस जांच चल रही है. प्रदेश में विभिन्न पदों पर भर्ती, वित्तीय अनियमितता, घोटाले से संबंधित जांचें चल रही है. इन्हीं गड़बड़ियों के चलते सरकार ने अप्रैल महीने में मृत्युंजय मिश्रा को कुलसचिव के पद से हटा दिया था.

साथ ही सचिवालय से अटैच कर दिया गया था. दो दिन पहले इस मामले में मृत्युंजय ने हाईकोर्ट जाकर सरकार के फैसले को रद्द कर दिया था. हाईकोर्ट के आदेश के बाद मृत्युंजय मिश्रा शनिवार को आयुर्वेद विवि में कार्यभार ग्रहण करने पहुंचे थे, लेकिन उन्हें गेट पर ही रोक दिया गया था. वहीं दूसरी तरफ गाजियाबाद में मुख्य साजिशकर्ता उमेश को गिरफ्तार कर लिया था. वहीं आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अभिमन्यु कुमार ने शासन को पत्र भेजकर कहा था कि मृत्युंजय मिश्रा के खिलाफ विजिलेंस जांच चल रही है.

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उनके कुलसचिव पद पर बने रहने से उनके खिलाफ चल रही जांच प्रभावित हो सकती है. इसी को आधार मानते हुए सचिव शैलेश बगोली ने उन्हें तत्काल निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया. सरकार के खिलाफ साजिश में शामिल मृत्युंजय की मुश्किलें अब बढ़ सकती है. पुलिस एफआईआर में नामजद होने के बाद गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. पुलिस लगातार आरोपियों की तलाश कर रही है. वहीं मृत्युंजय को भी किसी भी वक्त पुलिस गिरफ्तार कर सकती है.

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