भारत में साल 2021 तक अंतरिक्ष में भेजा जाएगा मनुष्य, पढ़ें पूरी खबर

भारत ने दिसंबर 2021 तक अंतरिक्ष में मनुष्य भेजने की पूरी तैयारियां कर ली हैं. इस बारे में शुक्रवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानि इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने गगनयान मिशन के बारे में घोषणा करते हुए कहा, कि अंतरिक्ष में मनुष्य भेजने की तैयारियां चल रही हैं और दिसंबर 2021 तक ये प्रोजेक्ट सफल बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

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भूटान में बनेगा ग्राउंड स्टेशन

बता दें कि अगर ये प्रोजेक्ट सफल हो जाता है तो भारत विश्व का चौथा ऐसा देश होगा जो अपने बल पर अंतरिक्ष में यात्रियों को स्पेस में भेज सकेगा. इस लक्ष्य को सफल बनाने के लिए पहले दिसंबर 2020 और जुलाई 2021 में दो मानवरहित मिशन अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे. इसरो प्रमुख के सिवन ने बताया कि भारत इस साल अप्रैल तक चंद्रयान-2 के भी लांचिंग की तैयारी में है. इसरो चीफ ने बताया कि जल्द ही भूटान में इसरो अपना ग्राउंड स्टेशन बनाएगा। विदेश मंत्रालय ने इसके लिए फंड दिया है।  गौरतलब है कि गत वर्ष स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस गगनयान प्रोजेक्ट की घोषणा की थी.

रुस में होगी ट्रेनिंग 

जानकारी के मुताबिक इस अंतरिक्ष अभियान की शुरुआती तैयारियां सारी भारत में होंगी लेकिन एडवांस ट्रेनिंग के लिए रूस को चुना जा सकता है. खास बात होगी कि अंतरिक्ष यात्रियों में महिला भी शामिल हैं. प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए पूरे देश में 6 रिसर्च सेंटर बनाए जाएंगे. गगन यान के लिये इसरो की तरफ से अलग से ह्यूमन स्पेस सेंटर का गठन किया गया है। डॉ उन्नी कृष्णन नायर इस सेंटर के निदेशक
नियुक्त किये गए हैं.

मिशन कामयाब होने के बाद भारतीय छात्रों को नासा जाने की जरुरत नहीं होगी. चंद्रयान-2 के सिवन ने कहा कि भारत के दूसरे चंद्र अभियान चंद्रयान-2 को इस साल मध्य अप्रैल में प्रक्षेपित किए जाने की योजना है. इसरो ने इससे पहले कहा था कि चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण इस साल जनवरी से 16 फरवरी के बीच किया जाएगा.
गौरतलब है कि गगनयान मिशन के लिए मोदी सरकार की ओर से 10,000 करोड़ रुपए का फंड जारी किया गया था, इसे सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम करार दिया था. वहीं, चंद्रयान -2 मिशन पर कुल 800 करोड़ रुपये खर्च किए जाना का लक्ष्य तय हुआ है. इस मिशन की मदद से चांद से जुड़ी कुछ अहम जानकारियां जुटाने की कोशिश की जाएगी. इसी साल मार्च और अप्रैल के बीच चंद्रयान -2 लॉन्च किया
जाएगा.

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आपको बता दें कि इसरो अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने के लिए सबसे बड़े रॉकेट जीएसएलवीएमके तीन का इस्तेमाल करने की योजना में हैं. इसके अलावा अंतरिक्ष में जाने वाले इन अंतरिक्ष यात्रियों को व्योमनॉट्स के नाम से जाना जाएगा. व्योम एक संस्कृत भाषा का शब्द है जिसका अर्थ अंतरिक्ष होता है.

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