मणिपुर में फिर हिंसा, तेंग्नौपाल में उग्रवादियों ने की कमांडो की गोली मारकर हत्या

मणिपुर में फिर हिंसा, तेंग्नौपाल में उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ में कमांडो की गोली मारकर हत्या

मणिपुर में बुधवार सुबह हिंसा का ताजा मामला सामने आया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, तेंग्नौपाल जिले के सीमावर्ती मोरेह शहर में संदिग्ध कुकी उग्रवादियों के साथ सुरक्षा बलों की मुठभेड़ हो गई. इस दौरान संदिग्ध कुकी उग्रवादियों की ओर से हुई गोलीबारी में एक पुलिस कमांडो की मौत हो गई.

खबरों के मुताबिक, संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने एसबीआई मोरेह के पास एक सुरक्षा चौकी पर बम फेंके और गोलीबारी की. इसके बाद सुरक्षा बलों ने भी जवाबी कार्रवाई की. मृतक कमांडो की पहचान डब्लू सोमोरजीत के रूप में की गई है. बताया जा रहा है कि उग्रवादियों की ओर से किए गए हमले में एक अन्य कमांडो घायल हुआ है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, संदिग्ध उग्रवादियों की ओर से करीब एक घंटे तक गोलीबारी की गई. हिंसा की ये घटना मोरेह में एक पुलिस अधिकारी की हत्या के दो संदिग्धों को गिरफ्तार किए जाने के बाद हुई है. उधर, मणिपुर सरकार ने तेंगनौपाल के राजस्व अधिकार क्षेत्र के भीतर शांति भंग होने, सार्वजनिक शांति में अशांति और मानव जीवन और संपत्ति के लिए गंभीर खतरे की आशंका के कारण जिले में पूर्ण कर्फ्यू लगा दिया है. कानून प्रवर्तन एजेंसियों और आवश्यक सेवाओं को कर्फ्यू से छूट दी गई है.

जानकारी के मुताबिक, स्थानीय पुलिस ने पिछले साल अक्टूबर में एसडीपीओ सीएच आनंद की हत्या के आरोप में सोमवार को फिलिप खोंगसाई और हेमोखोलाल मटे को गिरफ्तार किया था. दोनों ने सुरक्षाकर्मियों के वाहनों पर गोलीबारी की थी. दोनों आरोपियों को 9 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.

पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों के कब्जे से एक पिस्तौल, एक चीनी हथगोला के साथ गोला बारूद और 10 डेटोनेटर जब्त किए गए हैं. बताया जा रहा है कि दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी की जानकारी के बाद भारी संख्या में महिलाएं मोरे पुलिस स्टेशन के बाहर पहुंची थीं और दोनों आरोपियों की बिना शर्त रिहाई की मांग की थी. बता दें कि पिछले साल मई से अब तक प्रमुख मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं.

Previous article31 जनवरी से पहले कर लें ये काम नहीं तो रद्द हो जाएगा आपका Fastag, नहीं चुका पाएंगे टोल
Next articleरामलला की सेवा के लिए के लिए तहसीलदार ने छोड़ी नौकरी, लौटे अयोध्या