नोटबंदी जैसे हालात का करना पड़ेगा सामने, जब देश के आधे से ज्यादा ATM हो जाएंगे बंद?
कन्फेडरेशन ऑफ एटीएम इंडस्ट्री(सीएटीएमआई) ने आज अपनी एक रिपोर्ट में चेताया कि अगर यही हालात रहे तो देश भर के 50 फीसदी से ज्यादा एटीएम बंद हो जाऐंगे. इससे इस क्षेत्र में काम करने वाले लाखों लोगों की नौकर जा सकती है तो वहीं देश में दोबारा से नोटबंदी जैसे हालात बन सकते है.
आधे से ज्यादा एटीएम बंद होने का अनुमान
देश भर के कई बैंक धीरे धीरे अपने एटीएम की संख्या घटा रहे है. इसका कारण आरबीआई द्वारा एटीएम को संचालन करने वाले नियमों में बदलाव करना है. सीएटीएमआई के डायरेक्टर वी बालासुब्रमण्यन ने बताया कि देश भर में अभी कुल 2.38 लाख एटीएम कार्य कर रहे हैं. जिसमें से 1.13 लाख एटीएम के मार्च तक बंद होने का अनुमान है.
जो एटीएम बंद हो सकते है उनमें ऑफ साइट एटीएम की संख्या सबसे ज्यादा है ये वो एटीएम होते है जो बैंक रिहायशी इलाकों और बाजारों में लगवाती हैं. इसके अलावा 15 हजार व्हाइट लेबल एटीएम के भी बंद होने का अनुमान है. व्हाइट लेबल एटीएम नॉन बैंकिंग कंपनियों की ओर संचालित एटीएम को कहा जाता है.
आरबीआई के नियम बदलने से बढ़ा खर्च
आरबीआई ने जो नए नियम बनाए है उसके बाद कैश मैनेजमेंट के स्टैंडर्ड बरकरार रखने और मशीन में कैश रखने की कैसेट बदलने के लिए कंपनी को मजबूरन एटीएम के सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर अपडेट करने पड़ रहे हैं. जिससे कंपनी पर करीब 3500 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. एटीएम उद्योग अकेले इतनी रकम वहन करने के लिए तैयार नहीं है.
सख्त नियमों के कारण पीछे हट रही कंपनियां
बालासुब्रमण्यन ने बताया कि नए नियमों के तहत एटीएम सर्विस प्रोवाइडर की कुल संपत्ति 100 करोड़ रुपए से ज्यादा होनी चाहिए. उसके पास 300 कैश वैन होने चाहिए और हर वैन में दो संरक्षक और दो बंदूकधारी गार्ड और एक ड्राइवर होना चाहिए. इसके अलावा सभी एटीएम का सॉफ्टवेयर विंडोज एक्सपी से विंडोज 10 में अपग्रेड होना चाहिए. इन्ही कड़े शर्तो के कारण कंपनीया पीछे हट रही है.