शिक्षा की दिशा में उगती उम्मीद की एक नई किरण है ‘आशाएं’
बच्चों के लिए जितना जरूरी खेलना है, उतना ही जरूरी उनको शिक्षित करना भी है. इसी कड़ी में ‘आशाएं’ एक ऐसी संस्था उभरकर सामने आई है, जो शिक्षा के अधिकार से वंचित बच्चों को शिक्षित करने का काम बखूबी निभा रही है. आशाएं बच्चों की अभिलाषाओं को नई जिंदगी देने का काम कर रही है. ये एक गैर सरकारी संगठन है, जिसका मुख्य उद्देश्य बच्चों एवं महिलाओं का विकास करना है.
इन लोगों की उम्मीद है आशाएं
इस संगठन को नेहा सिंह (फाउंडर) द्वारा 20 जनवरी 2018 को पांच लोगों के साथ नोएडा सेक्टर 34 के मोरना गांव से शुरू किया गया है. वो बच्चे और महिलाएं जो अपने बुनियादी अधिकारों से वंचित हैं या गरीबी के कारण जिन्हें शिक्षा एवं जीवन कौशल प्राप्त करने का अवसर नहीं मिला, उनके लिए आशाएं एक उम्मीद है. जिससे वो अपने जीवन निर्माण के पथ पर अग्रसर हो सकें.
ये है उद्देश्य
ऐसे बच्चे जो शिक्षा के अवसर से वंचित रह गए हैं. इन बच्चों को शिक्षा के साथ खेल कला समेत जीवन कौशल जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी रोशनी डालकर आशाएं संस्था इनके भविष्य निर्माण में सहायता प्रदान कर रहा है. इस संस्था का उद्देश्य है कि एक ऐसे समाज का निर्माण जहाँ बच्चों को शिक्षा कला खेल उनके रूचि के अनुसार प्राप्त हो और महिलाएं भी सशक्त हों. यहां 4 साल से 14 साल के आयु वर्ग तक के बच्चे जो कि बाल-विहार से लेकर कक्षा 9 तक के छात्र हैं, शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं.
हुआ 1 साल, बच्चों को ले गए नेशनल साइंस सेंटर
20 जनवरी को इस संस्था को 1 साल हो गया है. वहीं इस मौके पर बच्चों को नेशनल साइंस सेंटर ले जाया गया. जहां पर उन्हें जीवन कि अलग-अलग शैली से वाक़िफ़ कराया गया. यहां बच्चों को Holo show से ये पता चला की हमारा शरीर कैसे काम करता है, Communication show में ये पता चला की मनुष्य हर समय वार्तालाप करने के लिए नए तरीक़े की खोज करता ही रहता है. साथ ही Science on Sphere Show में आकाशगंगा में मौजूद तारों और ग्रह के बारे में बच्चों को बताया गया.
ग्रुप की सदस्य शिवानी पांडे बताती हैं कि शिक्षा पाने वाले बच्चों एवं उनके परिवार का उत्साह देखकर हमें इस बात का भी प्रोत्साहन मिलता है कि भविष्य में भी हम इस पथ पर आगे बढ़ते रहें. नोएडा एवं उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों में भी इस कार्य को अंजाम देने के लिए अग्रसर हैं.